रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से बड़ा मामला सामने आया है. यहां के माना स्थित बाल सुधार गृह में रहने वाले किशोरों को नशे का सामान, मोबाइल समेत दूसरी सामग्री पहुंचाई जा रही थी. हत्या के मामले में यहां बंद एक किशोर ने तो बाकायदा सिगरेट पीते खुद का वीडियो भी मोबाइल से बना लिया था. इसी के जरिए मामले का खुलासा हुआ और अब पुलिस ने 3 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है.
बता दें कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, उसमें हत्या के मामले में बंद किशोर कह रहा था कि जेल में हैं हम और जेल में राज करते हैं. समझ लेना... तिल्दा वाले को बता देना... जेल में तुम्हारा बाप बैठा है. बता देना, अपन जल्द वापस आएगा. ये देखो लाइटर, मोबाइल और नशा. इसी के साथ उस वीडियो में कुल 3 लड़के हाथों में 5-5 सौ रुपये के नोटों को दिखा रहे थे. मतलब साफ था कि उन्हें बाल सुधार गृह में मोबाइल से लेकर पैसे, सिगरेट नशे के दूसरे सामान व अन्य उपयोगी सामान मिल जा रहे हैं.
विपरीत हो रहा है काम
दरअसल, बाल सुधार गृह में विभिन्न आपराधिक मामलों में 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों व बच्चों को रखा जाता है. इसका उद्देश्य उन्हें वहां ऐसा माहौल देना होता है, जिससे वे दोबारा अपराध करने को दुष्प्रेरित हों. उन्हें अच्छी आदतें सिखानी होती है. लेकिन, यहां उसके विपरीत चल रहा था. चंद पैसों के लालच में कर्मचारी उन्हें नशे के सामान पहुंचा रहे थे. मोबाइल तक उपलब्ध करा रहे थे.
पुलिस अफसरों तक पहुंचा मामला तो एक्शन
वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस अफसरों, विभिन्न संगठनों व प्रशासनिक अफसरों तक इसकी जानकारी पहुंची. तब पुलिस अफसरों ने इस पर संज्ञान लिया और फिर मामले की जांच कर बाल सुधार गृह माना के 3 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
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