सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में डॉक्टरों की लापरवाही और इलाज में देरी होने से एक प्रसूता महिला की मौत हो गई है। उसके परिजनों का आरोप है कि समय पर ऑक्सीजन न मिलने और डॉक्टरों द्वारा उपचार न देने पर मौत हुई है। उधर डॉक्टरों ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
102 एंबुलेंस आने में हुई देरी
यह मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांडा के ग्राम गठिया कला निवासी मोहन लाल की पत्नी फूल केसरी को प्रसव पीड़ा होने पर डायल 102 एंबुलेंस को बुलाया गया था। एंबुलेंस देरी से पहुंची तब तक महिला का प्रसव घर पर ही हो गया। प्रसव के दौरान महिला ने मृत बच्ची को जन्म दिया था। जिसके कारण प्रसूता महिला में खून की कमी हो गई। जिसे तुरंत ऑक्सीजन और जरूरी उपचार की आवश्यकता थी। लेकिन महिला को समय रहते उपचार नहीं मिल पाया जिसके कारण से उसकी मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार, प्रसव के बाद प्रसूता को परिजन लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य सांडा पहुंचे। जहां मौजूद स्टाफ नर्स सरिता वैश्य के द्वारा प्रसूता को हरसंभव चिकित्सकीय सहायता देने का प्रयास किया गया। लेकिन अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ अनिल कुमार सचान प्रसूता को देखने का समय नहीं निकाल पाए। आरोप है कि सूचना के बाद भी डॉक्टर मरीज को देखने समय पर नही पहुंचे। जिसके चलते प्रसूता ने करीब 40 मिनट बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया।
वहीं, प्रसूता के पति मोहनलाल और जेठ धनीराम ने प्रसूता की अस्पताल में हुई मौत पर चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि प्रसूता को समय पर उचित इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। सीएचसी के डॉक्टर अनिल कुमार सचान का कहना है कि उन्होंने प्रसूता के इलाज की हर संभव कोशिश की लेकिन महिला में काफी खून की कमी हो गयी थी जिससे उसकी भी मौत हो गयी है।
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