गरियाबंद. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत बड़े पैमाने पर घोटाला उजागर हुआ है. इस योजना का दुरुपयोग करते हुए 13 व्यक्तियों ने फर्जी तरीके से कुल 32 लाख 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि अर्जित की. इन व्यक्तियों ने आर्य समाज मंदिर में फर्जी विवाह दस्तावेज प्रस्तुत कर यह राशि प्राप्त की, जबकि उनमें से अधिकांश पहले से ही शादीशुदा थे. मामले की जांच के बाद अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने सभी 13 आपात्र व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया है.
बता दें कि अस्पृश्यता निवारण के उद्देश्य से संचालित इस योजना के तहत गैर अनुसूचित जाति युवक या युवती द्वारा अनुसूचित जाति के युवक या युवती से विवाह करने पर उन्हें 2 लाख 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इसमें 1 लाख रुपये तुरंत और शेष 1 लाख 50 हजार रुपये तीन साल के लिए बैंक में जमा रहते हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए 13 व्यक्तियों ने नियमों का उल्लंघन कर आर्य समाज मंदिर में दोबारा शादी कर प्रोत्साहन राशि हासिल की. इनमें से कई लोग पहले से शादीशुदा थे और कुछ ने फर्जी निसंतान प्रमाण पत्र बनवाकर योजना का लाभ उठाया.
ऐसे सामने आई गड़बड़ी
जांच में यह सामने आया कि कुछ हितग्राहियों ने अपने पूर्व विवाह और बच्चों की जानकारी छिपाकर योजना का लाभ उठाया. इसके अलावा, कुछ हितग्राहियों ने अन्य जिलों से आकर गरियाबंद जिले से इस योजना का लाभ प्राप्त किया, जो कि नियमों का उल्लंघन है. इस प्रकार, 13 व्यक्तियों ने कुल 32 लाख 50 हजार रुपये की गड़बड़ी की.
और सामने आएंगे मामले
अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने पिछले 5 माह में इस मामले के अलावा दो और बड़े मामलों की जांच की है. मैनपुर स्वास्थ्य विभाग में 3 करोड़ 13 लाख रुपये के फर्जीवाड़े के मामले में 11 अफसरों और कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. वहीं, जिले भर के 93598 निवेशकों के 207 चिटफंड कंपनियों में डूबे 181 करोड़ रुपये की राशि वापस दिलाने के प्रयास भी जारी हैं.
इनके खिलाफ FIR
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