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जेल में हुई दोस्ती लेनदेन में टूटी, हत्या कर घरवालों से मांगी 30 लाख की फिरौती, पुलिस ने ऐसे पकड़ा

 Newsbaji  |  Jun 05, 2023 05:29 PM  | 
Last Updated : Jun 05, 2023 05:29 PM
भिलाई पुलिस ने अपहरण और हत्या के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
भिलाई पुलिस ने अपहरण और हत्या के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

भिलाई. छत्तीसगढ़ के पुरानी भिलाई क्षेत्र में फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या के सनसनीखेज मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. दरअसल, जिस व्यक्ति की अपहरण के बाद हत्या हुई है उसकी पहचान व दोस्ती हत्यारे से जेल में हुई थी. लेकिन उसने लेनदेन में धोखा दे दिया तो आरोपी ने उसकी हत्या की योजना बना ली. शराब पिलाकर हत्या कर दी और उसके घर फोन कर 30 रुपये की फिरौती भी मांगी. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

बता दें कि बीते 1 जून को एकता नगर निवासी विमला साहू ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें बताया कि 31 मई की शाम करीब साढ़े 7 बजे उसका पति ओम प्रकाश साहू घर से निकला था, लेकिन देर रात तक वापस नहीं आया. रात करीब 11.45 बजे अनजान नंबर से फोन आया, जिससे बात नहीं हो पाई. अपनी बेटी के नंबर से अपने पति को फोन लगाया तब फोन भी नहीं लगा. तब उस पर मैसेज किया. उस पर भी कोई रिप्लाई नहीं आई.

30 लाख की मांगी फिरौती
1 जून को सुबह 10.15 बजे उसके पति के मोबाइल से फोन आया, जिसमें एक अनजान व्यक्ति ने कहा कि उसके पति ने उसके सट्टे के 30 लाख रुपये की चपत लगाई है. दो दिन में 30 लाख रुपये भिजवा दें नहीं तो उसके पति का डेड बॉडी उसके घर भेज दिया जाएगा. पुलिस के पास जाने पर भी अंजाम भुगतना होगा. पुरानी भिलाई पुलिस ने मामले में अपहरण का अपराध दर्ज कर जांच शुरू की.

ऐसे पकड़ में आया संदेही
अपहरण व फिरौती के इस सनसनीखेज मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी शलभ सिन्हा ने साइबर सेल व अन्य पुलिस अफसरों के साथ टीम बनाकर सुलझाने के निर्देश दिए. टीम ने महिला से सघन पूछताछ करने के साथ ही मोबाइल नंबरों की तकनीकी जांच करते हुए पतासाजी शुरू की. इससे मुख्य संदेही घासीदास नगर जामुल निवासी आशीष तिवारी का नाम सामने आया. तब घेराबंदी कर उसे पकड़ा गया. घंटों पूछताछ व सख्ती के बाद आखिरकार वह टूट गया और पूरी घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

इसलिए बनाई योजना
आरोपी आशीष ने बताया कि डकैती के मामले में सेंट्रल जेल दुर्ग में बंद रहने के दौरान उसकी जान-पहचान ओम प्रकाश साहू से हुई थी. ओमप्रकाश जब जमानत पर छूटा तो उसने आशीष के पिता सूर्यप्रताप तिवारी से मुलाकात की. आशीष की जमानत के लिए उससे 30 हजार रुपये ले लिए, लेकिन जमानत भी नहीं कराई. बाद में आशीष जेल से बाहर आया तो उसने ओमप्रकाश से 30 हजार रुपये वापस मांगे. फिर उनके बीच और लेनदेन हुआ, जिससे ओमप्रकाश की देनदारी डेढ़ लाख रुपये की हो गई. लेकिन, उसने आशीष को पैसे देने से मना कर दिया. तब उसने ओमप्रकाश के घर से फिरौती के रूप में ये रकम निकलवाने का फैसला किया.

ऐसे बनाई योजना
आशीष ने अपनी योजना में अपने साथी रजनीश पांडेय और अनुज तिवारी को भी शामिल कर लिया. तय योजना के मुताबिक 13 मई को आशीष ने अपने साथी के जरिए एक नया सिम खरीदा. फिर 31 मई को उसी नंबर से शाम करीब साढ़े 5 बजे ओम प्रकाश को फोन कर उमंदा शराब भट्ठी के पास मिलने के लिए बुलाया. बाद में ओमप्रकाश उसकी बताई जगह यानी शराब भट्ठी अपनी मेस्ट्रो से पहुंचा. तब तक  रजनीश की बाइक से आशीष व अनुज भी पहुंच चुके थे. शराब व चखना लेकर चारों लोग खदान के पास गए, जहां सभी ने शराब पी.

वारदात को ऐसे दिया अंजाम
थोड़ा नशा हो जाने पर चारों लोग आशीष के किराए पर लिए उमंदा स्थित मकान में गए. वहां फिर चारों ने शराब पी और फिर वहीं सो गए. 1 जून की सुबह 4 बजे तीनों फिर से उठे और आपस में बातचीत कर पूर्व योजना के मुताबिक ओमप्रकाश का गला दबाकर और नाक-मुंह बंद कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद लाश को वहीं छोड़कर तीनों चले गए और फिर अलग-अलग समय पर ओमप्रकाश के घर फोन कर फिरौती के पैसे मांगे.

पैरों को काटकर लगाया लाश को ठिकाने
बता दें कि शाम के समय तीनों से बाजार से आरी और बोरा ल‍िया ताकि लाश को ठिकाने लगाया जा सके.  उसके दोनों पैरों को आरी से काटकर मोड़ दिए और सिर व पैर को जीआई तार से बांध दिए. फिर लाश को जुट की बोरी में भरकर ओमप्रकाश की मेस्ट्रो गाड़ी में रखा और ले जाकर मयुरा कंपनी के पीछे खदान तालाब में गाड़ी समेत डूबा दिए. फिर एक और गाड़ी से वापस आ गए.

पुलिस को गुमराह करने लिया सट्टे का नाम
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने ओमप्रकाश के घर फोन कर सट्टे की बात इसलिए कही, ताकि पुलिस मामले की जांच करे तो सटोरियों की ओर शक करे और उसी एंगल से जांच करे. वहीं पुलिस ने आशीष से पूछताछ के बाद उसके सहयोगियों रजनीष पांडेय और अनुज तिवारी की पतासाजी शुरू की. पता चला कि वे अपने गांव रीवा भाग रहे हैं. तकनीकी आधार पर पतासाजी करने पर दोनों के नागपुर रेलवे स्टेशन के आसपास होने की जानकारी हुई. फिर नागपुर जीआरपी की मदद से उन दोनों को भी पकड़ लिया गया. वहीं वारदात में इस्तेमाल किए गए हथियार व अन्य सामान भी जब्त कर लिए गए हैं.

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