रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो लोगों को जियो सिम का ऑफर देकर उनसे दस्तावेज और अंगूठे का निशान हासिल कर लेते थे. बाद में उनके नाम से फर्जी तरीके से बैंक में खाता खोल लेते थे. इन बैंक खातों से वे करोड़ों का लेनदेन कर रहे थे. लेकिन, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. अब खातों की जांच कर पता किया जा रहा है कि इसका उपयोग वे किस तरह के अपराध में कर रहे थे.
बता दें कि रायपुर के गुढ़ियारी में सब्जी दुकान चलाने वाला राजेंद्र कुमार भारती ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले उनके पास वैभव शुक्ला और संजू भारद्वाज नाम के 2 युवक उनकी दुकान में आए थे. उन्होंने बताया कि जियो सिम का ऑफर चल रहा है. इसके लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी, सिम मिल जाएगा.
उनके झांसे में आकर राजेंद्र ने दस्तावेज व अपना फोटो देकर और उनकी डिवाइस पर थंब लगाकर सिम ले लिया. बाद में उनके पास डाक से लिफाफा पहुंचा. पता चला कि उनके नाम से उत्कर्ष स्माल फायनेंस बैंक की सिविल लाइंस शाखा में खाता खुला है. उसी का बैंक स्टेटमेंट आया है.
करोड़ों का हुआ था लेनदेन
उस खाते में बीते 8 मई से 30 जून के बीच करोड़ों रुपये का लेनदेन दर्शाया गया था. राजेंद्र को समझते देर नहीं लगी कि सिम के लिए लिए गए दस्तावेजों से ही उनके नाम पर खाता खुलवाया गया है, जिसमें इस तरह का लेनदेन किया गया है. स्टेटमेंट लेकर राजेंद्र गुढ़ियारी थाने पहुंचा. पुलिस ने जांच कर एफआईआर दर्ज किया. साथ ही आरोपियों की तलाश शुरू कर दी.
ऑनलाइन सट्टे की आशंका
पुलिस ने पतासाजी कर वैभव शुक्ला और संजू भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया. उनसे पूछताछ की गई. तब पता चला कि उनके गिरोह में तीन और लोग जीत मसरानी, रमेश अग्रवाल और प्रशांत अग्रवाल भी शामिल हैं. उनकी तलाश की जा रही है. वहीं पुलिस को आशंका है कि इन खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन सट्टे के लिए किया जा रहा था. इस बारे में भी आरोपियों से पूछताछ जारी है.
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