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तहसीलदार नहीं, स्टूडियो का संचालक जारी कर रहा था आय प्रमाणपत्र, पहुंच गए अफसर, ऐसे सिखाया सबक

 Newsbaji  |  Apr 06, 2023 05:40 PM  | 
Last Updated : Apr 06, 2023 05:46 PM
दंतेवाड़ा में फोटो स्टूड‍ियो में बन रहा था फर्जी आय प्रमाण पत्र.
दंतेवाड़ा में फोटो स्टूड‍ियो में बन रहा था फर्जी आय प्रमाण पत्र.

दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में फोटो स्टूडियो संचालक अपने स्टूडियो में फर्जी आय प्रमाणपत्र बना रहा था और लोगों से मोटी कीमत वसूल रहा था. उसने बाकायदा तहसीलदार का सील बनवा लिया था और फर्जी हस्ताक्षर भी कर रहा था. जिला प्रशासन के अफसरों ने स्डूडियो को सील कर दिया है.

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कई लोगों द्वारा अलग-अलग कामों में विभिन्न कार्यालयों में जमा किए गए आय प्रमाणपत्र जांच में फर्जी मिल रहे थे. इसकी शिकायत कलेक्टर विनीत नंदनवार तक पहुंची. उन्होंन अधीनस्थ अधिकार‍ियों को मामले की गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए. पतासाजी के दौरान ये जानकारी हाथ लगी कि ये आय प्रमाणपत्र दंतेवाड़ा के न्यू बॉम्बे फोटो स्टूडियो में तैयार किए जा रहे हैं. ऐसे में छापामार कार्रवाई का निर्णय लिया गया.

टीम पहुंची तो रह गई हैरान
सूचना के आधार पर अफसरों की टीम ने स्टूडियो में छापा मारा. साथ ही स्टूडियो की जांच की. तब उन्होंने तहसीलदार के नाम की फर्जी सील बरामद हुई. इसके अलावा कंप्यूटर से आय प्रमाण पत्र का प्रोफार्मा बनाने का पता चला. प्रिंटर से निकालकर सील व फर्जी साइन के जरिए ये प्रमाण पत्र बनाया जा रहा था. लोग मनमुताबिक कम आय दर्शाते हुए ये फर्जी प्रमाण पत्र हासिल कर रहे थे.

स्टूडियो सील, होगी कार्रवाई
शुरुआती कार्रवाई करते हुए स्टूडियो को सील कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि मामले को पुलिस को सौंप दिया गया है. अब पुलिस आगे की जांच कर संचालक के खिलाफ कूटरचना करने व धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज करेगी.

ऐसे जारी होता है आय प्रमाण पत्र
आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए इसका प्रोफार्मा लिया जाता है, जिसमें सत्यापित जानकारी पटवारी द्वारा भरा जाता है. यह ग्रामीण क्षेत्र में जमीन से संबंधित दस्तावेज तो शहरी क्षेत्र में आय से संबंधित दस्तावेज के आधार पर पटवारी सालाना आय दर्ज करता है. इसके बाद इसे नोटरी से सत्यापित कराने के बाद तहसीलदार के पास जमा कराया जाता है. तहसीलदार दस्तावेजों की जांच कर प्रमाणपत्र जारी करता है. लेकिन, यहां न दस्तावेज और न आय की कोई जानकारी के मनमुताबिक आय दर्शाते हुए फर्जी तरीके से प्रमाणपत्र दिया जा रहा था.

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