बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पुलिस की साइबर सेल ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया जो बिजली के लाखों रुपए का बिल जीरो कराने के नाम पर ठगी कर रहा था। गिरोह के सदस्य बाकायदा धमका कर लोगों से वसूली कर रहे थे। यह अभियुक्त बिजली उपभोक्ताओं की बिल रसीद को बिजली विभाग के काउंटर पर जाकर अंकित धनराशि के साथ फर्जी चेक लगाकर जमा कर देते थे। बिल जमा करने पर बैंक द्वारा चेक क्लीयर होने से पहले ही बिजली विभाग से बिल शून्य वाली रसीद मिल जाती थी। इसका फायदा उठाकर ही अभियुक्त पूरा फर्जीवाड़ा करते थे। वहीं इस खुलासे से अब बिजली विभाग के कान खड़े हो गए है।
गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार, अभी 3 फरार
दरअसल, इस मामले की शिकायत लवलेश कुमार वर्मा ने थाना कोठी में लिखित शिकायत की थी। जिसमें अब्दुल हसन निवासी हमीदापुर थाना मलिहाबाद जनपद लखनऊ और उनके साथियों द्वारा लाखों रुपए का बिजली का बिल जीरो कराने के नाम पर ठगी करने और धमकी देने के सम्बन्ध में आरोप लगाए गए थे। सूचना के आधार पर थाना कोठी पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत बनाम अब्दुल हसन आदि 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस को अभी भी इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि तीन फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
आरोपियों का पास से वाहन जब्त
बाराबंकी पुलिस के खुलासे के मुताबिक, साइबर सेल बाराबंकी और थाना कोठी पुलिस की संयुक्त टीम ने इस मामले में अब्दुल हसन उर्फ मुन्ना निवासी हमिरापुर थाना मलिहाबाद जनपद लखनऊ, पंकज उर्फ गाजी उर्फ राकी निवासी मधेयगंज खदरा थाना हसनगंज जनपद लखनऊ, गुफरान उर्फ जुल्फिकार निवासी सिकरोरी थाना काकोरी जनपद लखनऊ और रिंकू पंडित उर्फ अमित शुक्ला निवासी गढ़ी पीरखां ठाकुरगंज थाना ठाकुरगंज जनपद लखनऊ को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने मोबाइल, एक बाइक और कार बरामद की है।
इस तरह से करते थे फर्जीवाड़ा
पुलिस के खुलासे के मुताबिक पूछताछ करने पर पता चला कि अभियुक्त अब्दुल हसन उर्फ मुन्ना द्वारा लोगों से सम्पर्क कर बिजली बिल जीरो कराने का लालच दिया जाता था। उसके बाद अभियुक्त के झांसे में आए बिजली उपभोक्ताओं से अब्दुल हसन द्वारा बिजली बिल रसीद लेकर अपने साथी पंकज उर्फ गाजी को भेज दिया जाता था। अभियुक्त पंकज उर्फ गाजी द्वारा बिल रसीद को बिजली विभाग के काउंटर पर जाकर अंकित धनराशि के साथ फर्जी चेक लगाकर जमा किया जाता था।
आरोपियों ने बताया, कि चेक से बिजली बिल जमा करने पर बैंक द्वारा चेक क्लीयर होने से पहले ही बिजली विभाग द्वारा बिल शून्य वाली रसीद मिल जाती थी, इसका फायदा उठाकर ही सब फर्जीवाड़ा किया गया। इसके बाद आरोपी बिजली उपभोक्ता से सम्पर्क कर बिजली बिल शून्य होने पर अलग-अलग खाताधारकों के बैंक खातों में रूपया धमका कर ट्रांसफर करा लेते थे। खाताधारकों द्वारा धनराशि का 10 प्रतिशत लेकर शेष धनराशि पंकज उर्फ गाजी को दे दी जाती थी। अभियुक्तों द्वारा अभी तक लगभग 60 बिलों (धनराशि लगभग 30 लाख रुपए) को शून्य करा कर कमीशन के रूप में लगभग 07-08 लाख रुपए लिया जा चुका था। पुलिस विभाग इस संबंध में अब बिजली विभाग से सम्पर्क कर बाकी जानकारी इक्कठा कर रहा है। इस पूरे मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों के मिले होने की संभावना जताई जा रही है।
(बाराबंकी से अनिरुद्ध शुक्ला का इनपुट)
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