भिलाई. छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट को अनोखे ढंग से और फिल्मी अंदाज में चपत लगाने का मामला सामने आया है. जहां 6 शातिर लोगों ने कंपनी के वेयर हाउस में सिर्फ इसलिए नौकरी ज्वाइन की थी कि यहां से माल गायब करना है और पकड़ में भी नहीं आएंगे. करीब 120 महंगे मोबाइल और लैपटॉप अपने ही रिश्तेदारों के नाम से कैश ऑन डिलीवरी मोड पर ऑर्डर कराए और फिर भाग निकले. लेकिन, पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी की तलाश की जा रही है.
इनका षड्यंत्र, दोस्त-रिश्तेदार भी लालच व धोखे में फंसे
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मास्टरमाइंड अमर और अरविंद थे, जिन्होंने यहां नौकरी सिर्फ कंपनी को चपत लगाने के लिए ही शुरू की थी. फिर उन्होंने कस्टमर के रूप में सामान डिलीवर कराने के लिए दीपक, मनीष, मोनिका और लोकेश को भी शामिल कर लिया. इनमें से कुछ इन शातिरों के दोस्त थे तो कुछ रिश्तेदार. इनमें से किसी को धोखे में रखकर या इनके मोबाइल व आईडी का इस्तेमाल किया गया था तो किसी को लालच देकर शामिल किया गया था. मामले में ठगी व गबन के साथ ही अमर और अरविंद के खिलाफ पुलिस ने आपराधिक षड्यंत्र का भी मामला दर्ज किया है.
दोस्त का आधार कार्ड लेकर बना दिया डिलीवरी ब्वाय
अमर व अरविंद इतने शातिर थे कि उन्होंने अपने एक दोस्त राहुल का आधार कार्ड हासिल कर लिया और फिर कागजों में ही उसे यहां डिलीवर ब्वाय की नौकरी दिला दी. फिर उसकी जगह खुद ही माल डिलीवर करने लगे. हालांकि ये सब धोखे में रखकर किया गया था, इसलिए पुलिस ने राहुल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.
शुरुआत छोटे कमीशन से
बता दें कि आरोपियों ने पहले तो थोक के भाव में सामान डिलीवर करना शुरू किया. तब कम कीमत में ये मोबाइल ऑर्डर करा लेते थे और बाकायदा भुगतान भी हो जाता था. इन्हें वे महंगे दामों में दुकानों व दोस्तों में बेच देते थे. इस तरह कमीशन के रूप में चार से पांच हजार रुपये हासिल किए. उनका हौसला बढ़ा तो फिर बड़ा हाथ मारने का फैसला किया. साथ ही इस काम के लिए कई और दोस्तों व रिश्तेदारों को प्लान में शामिल किया.
फिर मारा बड़ा हाथ, ऐसे पार किया सामान
अब अमर व अरविंद ने बड़ा हाथ मारने के लिए बड़ी साजिश रची. कुछ मोबाइल व अलग-अलग नंबरों व आईडी के जरिए सामान ऑर्डर किया. इसी के तहत बीते 21 मई को 50 से ज्यादा आईडी के जरिए 120 महंगे मोबाइल और लैपटॉप का आर्डर कराया. सभी कैश ऑन डिलीवरी मोड पर ऑर्डर किए गए थे. उसी रात सभी को मोनिका के घर राजनांदगांव ले गए. वहीं पर सभी को स्कैन कर डिलीवर करना दर्शाया. फिर मोनिका के घर पर ही सामान को रखवा दिया. तब जाकर कंपनी के स्थानीय प्रबंधन को इस गड़बड़ी का पता चला और मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. आखिरकार पुलिस ने पड़ताल कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. वहीं तीन फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
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