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मुंबई में 2500 किमी चलीं दुर्ग पुलिस की गाड़ियां, 1 हफ्ते का ऑपरेशन, तब मिले 9 आरोपी, 1.43 करोड़ बरामद

 Newsbaji  |  Jul 05, 2023 06:54 PM  | 
Last Updated : Jul 05, 2023 07:11 PM
दुर्ग पुलिस ने मुंबई में कैंपिंग कर आरोपियों की सिलसिलेवार गिरफ्तारी की है.
दुर्ग पुलिस ने मुंबई में कैंपिंग कर आरोपियों की सिलसिलेवार गिरफ्तारी की है.

दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पहले व्यापारियों से इन्वेस्ट स्कीम का लालच देकर 2 करोड़ रुपये जुटाने और फिर ईडी अफसर बनकर लूट की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने पकड़ लिया है. एक सप्ताह के इस ऑपरेशन में मुंबई शहर के भीतर दुर्ग पुलिस की गाड़ियां कुल 2500 किलोमीटर चलीं, चप्पे-चप्पे पर छान मारा गया, दस्तावेज खंगाले गए तब नकदी व सामान समेत 1 करोड़ 43 लाख रुपये का माल बरामद किया गया है. साथ ही मामले से जुड़े कुल 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है.

बता दें कि बीते 27 जून को जयंतीनगर सिकोलाभाठा दुर्ग निवासी अखिलेश उर्फ व‍िनीत गुप्ता ने मोहन नगर थानो में रिपोर्ट दर्ज कराई कि रविंद्र यादव से उसकी पुरानी जान-पहचान थी. उसने एक प्लान सुझाया जिसमें अच्छा मुनाफा होने की बात बताई. वह अपने दोस्त अभिषेक पाटनी के साथ मिलकर 1 करोड़ रुपये इन्वेस्ट करने को तैयार को गए. तब उसके एजेंट ने बताया कि कम से कम 2 करोड़ इन्वेस्ट करने होंगे.

पोर्टफोलियो दिखाकर लिया झांसे में
अख‍िलेश ने अपने साथी अभिषेक पाटनी, हरिशरण पांडेय और रविन्द्र यादव से इन्वेस्ट करने के बारे में पूछा तो सभी लोग 50-50 लाख रुपये इन्वेस्ट करने को तैयार हो गए. तब गजानंद वैरागढे़ ने मुंबई निवासी गिरिष वालेचा को बुलाया. उसने इंडस टॉवर लिमिटेड कंपनी का पोर्टफोलियो व अपनी कंपनी की आईडी कार्ड दिखाया. कंपनी का खाता नंबर भी दिया. उसे चेक कराने पर पर्याप्त बैलेंस भी दिखाया, जिससे वे भरोसे में आ गए.

ईडी अफसर बनकर पहुंचे
फंड ट्रांसफर के लिए 27 जून तय किया गया था. अलग-अलग 5 थैलों में 2 करोड़ रुपये लेकर सभी पारख कॉम्प्लेक्स स्थित अखिलेश के ऑफिस में बैठे थे. तभी गजानंद वैरागढे़ के साथ कंपनी का आदमी गिरीष वालेचा आया. कैश चेक कर उसने किसी को फोन किया. तभी कुछ देर में अचानक ऑफिस के अंदर 5 लोग आए और खुद को ईडी अफसर बताने लगे. ब्लैकमनी की बात कहकर धमकाते हुए वे अखिलेश व गिरीष वालेचा को लेकर व सभी पैसों को बटोरकर गाड़ी में बैठा दिए.

गिरीष भी था वारदात में शामिल
काले रंग की एमपी पासिंग की स्कॉर्पियो में बैठाकर उन्हें राजनांदगांव की ओर ले गए. वहीं रास्ते में ठाकुर टोला टोल प्लाजा के पास अखिलेश को उतार दिए. जबकि गिरीष को अपने साथ ले गए. तब उसे समझ में आया कि गिरीष भी आरोपियों से मिला हुआ है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और तत्काल सक्रिय हो गई.

ऐसे मिला सुराग
इतनी बड़ी रकम की इस तरह साजिश रचकर लूट की वारदात सुनकर पुलिस अफसर भी हरकत में आ गए. एसपी शलभ सिन्हा ने एडिशनल एसपी संजय ध्रुव, सीएसपी वैभव रमनलाल बैंकर, डीएसपी साइबर सेल आदि के अफसरों को टीम बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए. घटना स्थल एवं उसके आसपास और रास्ते में लगे सीसीटीवी, होटल-लॉज आदि के सीसीटीवी फुटेज व रजिस्टर की जांच की गई. तब एवलॉन होटल में मुख्य संदेही गिरीष वालेचा का आधार कार्ड मिला. इसी से गिरोह का क्लू मिल गया.

गिरीष के जरिए पर्दाफाश
गूगल सर्च में गिरीष वालेचा के बारे में सर्च करने पर पता चला कि उसके खिलाफ महाराष्ट्र के गोरेगांव मुंबई के थाने में 7 अन्य साथियों के साथ मिलकर सीबीआई अफसर बनकर बड़ी ठगी को अंजाम देने का मामला पता चला. गोरेगांव पुलिस से भी दुर्ग पुलिस को काफी सूचनाएं मिल गईं.

मुंबई में घूमती रही पुलिस
पुलिस को मुंबई निवासी गिरीष वालेचा, जीवा आहिर, किशोर चौबल आदि संदेहियों का पता चला. उनके मोबाइल नंबर की डिटेलिंग से भी कई जानकारियां निकलीं. वर्तमान में उनके मुंबई में ही होने का पता चला. टीम मुंबई पहुंच गई. फिर गिरीष श्रीचंद वालेचा को घेराबंदी कर पकड़ा गया. उससे पूछताछ से वारदात व रकम को खपाने वाले अन्य आरोपियों की जानकारी ली गई.

पकड़ में आते गए आरोपी
अब्दुल हमिद सैय्यद उर्फ श्रीधर पिल्ले, जीवा आहिर, रोहित पाठक उर्फ ठाकुर, मंगल पटेल, कृष्णा श्रीमाली उर्फ जेठा, किशोर चौबल उर्फ कैलाश व नासिक निवासी संजय आईरे उर्फ विजय और अन्य साथी राशिद, शाहिद, हासिम उर्फ आशू एवं गिरीष की पत्नी नगमा, मोहम्मद हुसैन अंसारी आदि की जानकारी मिली.

सिलसिलेवार गिरफ्तारी व जब्ती
 मुंबई एवं नासिक से अलग-अलग स्थानों से सभी को बारी-बारी से पकड़ा गया. वहीं उनकी निशानदेही पर उनके कब्जे से नगदी रकम 1 करोड़ 25 लाख 16 हजार रुपये, 2 लाख 19 हजार रुपये की सोने की ज्वेलरी, 10 नग विभिन्न कंपनियों के एंड्रायड व की-पैड मोबाईल फोन, 1 लाख 20 हजार रुपये का परफ्यूम व अन्य सामान, 2 नग ED CBI अफसरों की फर्जी आईडी, स्कॉर्पियो गाड़ी आदि की जब्ती बनाई गई. सभी को रिमांड पर लाया गया है.

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