कांकेर. CG News: कांकेर जिले के चारामा में बीते एक मार्च की रात मिली जलती कार और उसमें से गायब सिकदार परिवार के चारों सदस्य पुलिस को मिल गए हैं. वे और कहीं नहीं, अपने फार्महाउस में रह रहे थे, जहां से वे पोल्ट्री फार्म का संचालन करते हैं. पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि परिवार पर करीब 35 लाख रुपये का कर्ज था. जबकि उनका 72 लाख का बीमा था. इसे पाने के लिए ही उन्होंने सुनियोजित तरीके से खुद कार में आग लगाई थी ताकि सबको ये लगे कि चारों कार में ही जलकर खत्म हो गए.
चारामा क्षेत्र के ग्राम चावड़ी में एक मार्च की रात में कोरर मार्ग पर जलती कार पुलिस को मिली थी. चारामा पुलिस मामले की जांच में जुटी तो पता चला कि कार में पखांजूर निवासी व्यापारी परिवार बैठे हुए थे. कार का रजिस्ट्रेशन पखांजूर के विपुल सिकदार के नाम पर मिला. उसमें पखांजूर निवासी 29 वर्षीय समीरन सिकदार, उसकी पत्नी जया सिकदार के साथ ही 9 वर्षीय बेटा दीप व 4 वर्षीय बेटी कृतिका सिकदार बैठे हुए थे.
परिजनों से पूछताछ में उन्होंने पुलिस को बताया कि वे एक मार्च को रायपुर इलाज कराने गए थे. वहां से लौटते समय धमतरी में समीरन ने अपने पिता को फोन कर बताया कि वे होटल में खाना खाने के बाद निकलेंगे. इसके बाद चारों गायब हो गए और उनकी कार जली हालत में मिली. सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल लोकेशन आदि खंगालने के बाद पुलिस को दो अहम सुराग मिले. एक तो वे धमतरी के एक लॉज में ठहरे थे और दूसरा, घटना के बाद वापस उन्हें रायपुर में देखा गया था. इससे स्पष्ट हो गया कि वे जीवित हैं और छिपने की कोशिश कर रहे हैं.
ये थी वजह
अंतत: जब पखांजुर में ही उनके फार्महाउस में समीरन को परिवार समेत खोज निकालने के बाद पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की. तब उसने बताया कि व्यापार में घाटा होने से उस पर 35 लाख का कर्ज हो गया था. तब उसने परिवार समेत कार में जलकर मरने की कहानी बनाई. इससे बीमा का 72 लाख रुपये परिवार के अन्य सदस्यों को मिलने की उम्मीद थी. लेकिन, अंतत: वे पकड़े गए और उनकी योजना पहले ही फेल हो चुकी थी, जब ये स्पष्ट हो गया था कि कार में कोई भी नहीं जला है.
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