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भिलाई नगर निगम के उपसभापति ने कूटरचना कर बनवाया था ओबीसी का जाति प्रमाण-पत्र, एफआईआर दर्ज

 Newsbaji  |  Feb 05, 2024 02:19 PM  | 
Last Updated : Feb 05, 2024 02:19 PM
भिलाई नगर निगम के उपसभापति व पार्षद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
भिलाई नगर निगम के उपसभापति व पार्षद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

भिलाई. छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर निगम के पार्षद व उपसभापति ने दस्तावेज में कूटरचना कर फर्जी तरीके से ओबीसी का जाति प्रमाण-पत्र बनवा लिया था. अब सुपेला थाने की पुलिस ने जांच के बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है. इधर, प्रशासन की ओर से पार्षद की अयोग्यता व निष्कासन की कार्रवाई के लिए भी कवायद शुरू कर दी गई है.

बता दें कि नगर निगम के पार्षद और उपसभापति इंजीनियर सलमान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. सलमान के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप है. भिलाई नगर निगम के भाजपा पार्षद दल के नेता भोजराज सिन्हा ने संभागायुक्त दुर्ग और सुपेला थाने में प्रमाण के साथ शिकायत की थी. इसके बाद दस्तावेजों की जांच की गई. इसकी पुष्टि होने के बाद पुलिस ने अपराध दर्ज किया है. इसके तहत आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

2016 में बनवाया, 2021 में किया उपयोग
पुलिस की जांच में पता चला है कि पार्षद सलमान जो वार्ड नंबर 35 शारदापारा का पार्षद है, ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र 2016 में बनवाया था. पुलिस को बताया कि साल 2021 में नगर निगम भिलाई का चुनाव हुआ. उसमें इंजीनियर सलमान ने फर्जी व कूटरचित दस्तावेज पेश करके पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा था. इन्ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वो ओबीसी कैटेगरी से चुनाव जीता है.

दूसरे का है प्रमाण-पत्र
इस संबंध में भोजराज सिन्हा ने बताया कि इंजीनियर सलमान के पास ओबीजी जाति प्रमाण पत्र नहीं था. इसके बाद भी उसने किसी दूसरे की जाति प्रमाण पत्र पर अपना नाम अंकित करवाकर उसे निर्वाचन आयोग के सामने पेश किया. वहीं चुनाव लड़कर पार्षद और निगम का एमआईसी मेंबर है. इस आधार पर सलमान का निर्वाचन फर्जी है.

ऐसे की कूटरचना
जांच में पता चला है कि निर्वाचन के दौरान इंजीनियर सलमान ने जो ओबीसी सर्टिफिकेट जिला निर्वाचन आयोग में जमा किया है उसका क्रमांक 363/ब-221/2015-16 है. ये सर्टिफिकेट 15 जून 2016 में बना था. जब एसडीएम दुर्ग के कार्यालय से प्रमाण पत्र किसी नोमिता देशमुख के आधार जारी किया गया है. इससे साफ है कि इंजीनियर सलमान ने जो जाति प्रमाण पत्र जिला निर्वाचन आयोग में दिया वो फर्जी जाति प्रमाण पत्र है.

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