रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित मीना खलको हत्याकांड मामले में न्यायालय ने सभी आरोपी पुलिसवालों को बरी कर दिया है। रायपुर की अदालत ने दोषमुक्त किया है। इसकी आदेश की कॉपी एक महीने बाद जारी की गई है। कोर्ट के मुताबिक अदालत में अभियोजन की लापरवाही के कारण साक्ष्य पेश नहीं हो सके, जिससे तीनों आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया।
06 जुलाई 2011 को हुई थी घटना
बता दे कि, बलरामपुर जिले के लोंगरटोला में 06 जुलाई 2011 को पुलिस फायरिंग में मीना की मौत हुई थी, तब पुलिस ने मीना को नक्सली बताया था। पुलिसकर्मी धर्मदत्त धनिया, जीवनलाल रत्नाकर और निकोदिम खेस इस हत्याकांड में आरोपी बनाए गए थे। जिसके बाद अपराध अनुसंधान विभाग ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। न्यायिक जांच आयोग ने पुलिसकर्मियों को अपनी जांच में दोषी माना, लेकिन किसी तरह के सबूत नहीं होने के कारण पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया है।
पूरा मामला पढ़िए
जिले के लोंगरटोला में 16 साल की आदिवासी किशोरी मीना खलखो की गोली लगने से मौत हुई थी। पुलिस ने मीना को नक्सली बताया था। पुलिस वालों ने दावा किया किया था कि झारखंड से आए नक्सलियों के साथ दो घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान मीना को गोली लगी थी। वह नक्सलियों के वर्दी में थी। उसने भी पुलिस पर फायरिंग की थी। मुठभेड़ स्थल लोंगराटोला और मीना के गांव करंचा के ग्रामीणों का कहना था कि उस रात उन्होंने केवल तीन गोलियों की आवाज सुनी थी। मीना के परिजनों, राजनीतिक दलों और गैर सरकारी संगठनों ने आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों ने मीना का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसे मौत के घाट उतार दिया।
भिलाई की स्मृति नगर चौकी पर पथराव, पुलिस ने 14 लोगों पर दर्ज किया मामला
शबरी पार छत्तीसगढ़ दाखिल हो रहे नक्सली का एनकाउंटर, एक जवान भी घायल
Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft