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पूर्व CGPSC चेयरमैन सोनवानी के रिश्तेदारों के खाते बने उगाही का जरिया, शेष 16 पर अब सबकी निगाह

 Newsbaji  |  Nov 19, 2024 01:02 PM  | 
Last Updated : Nov 19, 2024 01:02 PM
छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले के मामले में सीबीआई की कार्रवाई जारी है.
छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले के मामले में सीबीआई की कार्रवाई जारी है.

रायपुर. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की राज्य सेवा भर्ती परीक्षा 2021 में हुए बड़े घोटाले के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पूर्व पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के साथ ही ‘बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड’ के निदेशक श्रवण कुमार गोयल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. गोयल ने रिश्वत की रकम ग्रामीण विकास समिति के जरिए सोनवानी तक पहुंचाई. इस समिति से सोनवानी के रिश्तेदार जुड़े हैं. यानी रिश्तेदारों के खाते ही उसके उगाही का जरिया रहा ये साबित हुआ है. कुल 18 चयनितों पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई है. सीबीआई अफसर अब उनके सोर्सेज से पर्दा उठाने की तैयारी में जुटे हैं.

रिश्वत के जरिए रिश्तेदारों का चयन
सीबीआई के अनुसार, गोयल ने 45 लाख रुपये की रिश्वत दो किस्तों में दी थी. यह रकम सोनवानी के रिश्तेदार, जो ग्रामीण विकास समिति के सदस्य थे, के माध्यम से भेजी गई. इसके बदले में गोयल के बेटे शशांक और बहू भूमिका कटियार को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित किया गया. शशांक और भूमिका ने मेरिट सूची में क्रमशः तीसरी और चौथी रैंक हासिल की थी. कांग्रेस नेता सुधीर कटियार के दामाद और बेटी होने के कारण मामला और भी गंभीर हो गया है.

हाईकोर्ट ने 18 नियुक्तियों पर लगाई है रोक
भाजपा नेताओं और अभ्यर्थियों के विरोध के बाद हाईकोर्ट ने मामले में दखल दिया था. आरोप था कि मेरिट सूची में फर्जीवाड़ा कर कांग्रेस नेताओं के करीबियों और पीएससी अध्यक्ष के रिश्तेदारों का चयन किया गया. 18 नियुक्तियों पर रोक लगाने के आदेश कोर्ट ने दिए थे. वहीं, भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी.

बड़े स्तर पर हुई थी गड़बड़ी
CGPSC 2021 परीक्षा के तहत 171 पदों के लिए आयोजित इस भर्ती प्रक्रिया में शुरुआत से ही गड़बड़ियों के आरोप लग रहे थे. प्रारंभिक परीक्षा में 2565 और मुख्य परीक्षा में 509 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे. 11 मई 2023 को अंतिम परिणाम जारी होने के बाद 170 अभ्यर्थियों का चयन हुआ. इसमें से 15 अभ्यर्थियों को डिप्टी कलेक्टर बनाया गया, जिसमें कई नाम संदिग्ध पाए गए.

अन्य आरोपियों पर भी कसेगा शिकंजा
यह मामला केवल सोनवानी और गोयल तक सीमित नहीं है. सीबीआई अब बाकी 16 संदिग्ध चयनित अभ्यर्थियों और पीएससी के अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच में जुटी है. यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के इस बड़े नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में पहली सफलता है. जल्द ही अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की संभावना है.

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