रायपुर. छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. उनमें से एक के पास बांग्लादेश का पासपोर्ट मिला है तो दूसरा घुसपैठिया था. ये दोनों चोरी के मामले में पकड़े गए हैं, जबकि उनके साथी फरार हो गए हैं. पकड़े गए बांग्लादेशियों ने यहां बाकायदा आधार कार्ड तक बनवा लिया था. वहीं ये आरोपी यूरोपीयन देशों में भी घुसपैठ की कोशिश कर चुके हैं और एक आरोपी लीबिया में सजा भी काट चुका है. पुलिस अब आगे की जांच कर रही है.
बता दें कि बीते 6 अप्रैल को दुर्ग के स्मृतिनगर चौकी क्षेत्र में चोरी की घटना हुई थी. जहां सौरभ जैन के घर से चोरों ने सोने-चांदी के जेवर व नकदी चोरी कर ली थी. सौरभ ने 7 अप्रैल को इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस व साइबर की टीम पतासाजी में जुटी थी. तकनीकी जांच भी की गई. जो इनपुट मिले उसके मुताबिक चोर गिरोह का लिंक पश्चिम बंगाल में मिला. एक टीम को वहां रवाना किया गया. वहां पतासाजी में पता चला कि नरेंद्रपुर के कालीबाजार क्षेत्र में कुछ संदिग्ध लोग पिछले 15 दिनों से मकान किराया लेकर रह रहे हैं. स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. तब उनके बांग्लादेशी होने का पता चला.
एक था घुसपैठिया, दूसरा पासपोर्ट के साथ आया था
बता दें कि चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले ये बांग्लादेशी गिरोह बनाकर वारदात काे अंजाम देते थे. उनकी टीम में तीन और लोग भी थे जो बांग्लादेश भाग चुके थे. पुलिस ने उनके दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि पकड़े गए एक आरोपी के पास बांग्लादेश का पासपोर्ट है. यानी वह बाकायदा वीजा पासपोर्ट के साथ आया था, जबकि दूसरे युवक के पास कुछ दस्तावेज नहीं था. यानी वह घुसपैठ कर पहुंचा था. लेकिन, दोनों का उद्देश्य यहां आकर चोरी समेत अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना था.
पैसे लेकर चले जाते हैं बांग्लादेश
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वारदात में उनके साथी रुकन, निषाद और संजीत भी शामिल थे. वारदात के बाद वे 35 लाख रुपये लेकर वापस बांग्लादेश भाग गए हैं. पूछताछ में ये भी कहा कि वे इसी तरह हर बार बड़ी चोरी करने के बाद पैसे वहां पहुंचाते हैं.
बनवा लिया था आधारकार्ड, मिले 30 हजार के पुराने नोट
पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के दस्तावेजों की जांच की गई तब उनके पास से आधार कार्ड भी मिला. अब इस बात की जांच की जा रही है कि वे दस्तावेजों में काटछांट कर इसे तैयार किए हैं या फिर फर्जी तरीके से स्वयं का आधार कार्ड बनवाया है. इसके अलावा 29 हजार 500 रुपये के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट भी मिले हैं, जो नोटबंदी के बाद से चलन से बाहर हो गए हैं. साथ ही मोबाइल, बांग्लादेशी सीमकार्ड, पासपोर्ट भी दर्ज किए गए हैं.
कई राज्यों में वारदात
आरोपियों ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर के अलावा पश्चिम बंगाल के खड़गपुर, ओडिशा के भुवनेश्वर, संबलपुर समेत कई अन्य राज्यों के शहरों में चोरी की बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है. पुलिस की पूछताछ में ये खुलासा हुआ है.
यूरोपीय देशों में भी कर चुके घुसपैठ की कोशिश
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि उनमें से एक ने यूरोपीय देशों में भी घुसपैठ की कोशिश की थी, लेकिन कामयाब नहीं हुआ. वहीं अफ्रीकी देश लीबिया में आपराधिक मामले में वह जेल की सजा काट चुका है.
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