रायपुर/बस्तर. छत्तीसगढ़ के बस्तर के झीरम घाटी में हुए नक्सल हमले को 10 वर्ष हो गए हैं, लेकिन अब तक मामले में बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी है. झीरम हमले मामले में एनआईए ने अपनी जांच भी पूरी नहीं की है. ऐसे में प्रदेश में सियासी घमासान शुरू हो गया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार पर जुबानी हमला बोला है. सीएम बघेल ने जगदलपुर में मीडिया से चर्चा में कहा कि, झीरम मामले में नक्सली लीडर रमन्ना और गणपति का एफआईआर से नाम क्यों हटाया गया. नक्सली कमांडर को क्यों बचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, जब केंद्र में हमारी सरकार आएगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
झीरम हमले की बरसी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र और तत्कालीन राज्य सरकार पर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा कि जांच में क्यों लापरवाही बरती गई. कहा कि, जब एफआईआर कराई जाती है तो एनआईए कोर्ट से स्टे ले आती है. भूपेश बघेल ने कहा कि, हमने जो हमने सवाल उठाए हैं, उसका जवाब भाजपा दे. उन्होंने पूछा कि, नरेंद्र मादी के प्रधानमंत्री बनते ही दंडकारण्य कमेटी की घटना मानकर जांच क्यों बंद कर दी गई.
आज भी जिंदा हैं अनसुलझे सवाल?
मुख्यमंत्री बघेल ने झीरम हमले को लेकर कहा कि, झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद हमारे नेताओं और जवानों की शहादत को हम सबका प्रणाम. आज पूरा प्रदेश जब झीरम श्रद्धांजलि दिवस मना रहा है, तब सब अनसुलझे सवाल आज भी जिंदा हैं. हम सब राज्य को शांति का टापू बनाने की अपनी शपथ को दोहराते हैं.
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