कांकेर. जिस व्यक्ति ने 1952 में 22 साल की आयु पूरी कर ली थी, वे इतने सालों बाद भी मताधिकार से वंचित रहे. अब साल 2023 में 93 साल की उम्र में पहली बार वोट डाल सकेंगे. छत्तीसगढ़ के कांग्रेस जिले के शेरसिंह की कहानी कुछ उन लोगों में शामिल हैं जिनके लिए व्यवस्था के अंतिम छोर पर आकर सरकारी योजनाएं और अधिकार समाप्त हो जाते हैं. हालांकि निर्वाचन आयोग के पुनरीक्षण अभियान में उन्हें इस बार पहली कामयाबी हासिल हो गई है और उनका वोटर लिस्ट में नाम जुड़ गया है.
बता दें कि कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के भैंसाकान्हार क में रहने वाले शेरसिंह हिड़को 93 साल के हैं. उनके पुत्र रामसाय हिड़को ने बताया कि पुनरीक्षण अभियान में एक बार फिर कोशिश की और उनका नाम जुड़वाने के लिए पूरी प्रक्रिया अपनाई. अब जाकर वोटर लिस्ट में उनका नाम जुड़ पाया है.
उम्मीद है कि वोटर आईडी भी बनकर आ जाएगा और फिर वे विधानसभा चुनाव में वोट डाल पाएंगे. उनका कहना है कि गांव में 90 साल से अधिक आयु के कुल 3 लोग हैं. लेकिन, इतनी उम्र के बाद भी मताधिकार से वंचित सिर्फ उनके पिताजी रहे हैं.
शुरुआत में इसलिए रहे वंचित
रामसाय ने आगे ये बताया कि शुरुआत में वे घर से दूर रहकर काम करते थे. इस वजह से उस समय उन्होंने स्वयं ध्यान नहीं दिया. लेकिन, बाद में कई प्रयास किए गए लेकिन उनका नाम नहीं जुड़ पा रहा था. अब पूरी उम्मीद है कि वे अब वोट डाल सकेंगे.
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