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छत्तीसगढ़ के इस रूट पर पहाड़ों की रानी विस्टाडोम कोच के साथ दौड़ेगी पैसेंजर ट्रेन, इसलिए है खास

 Newsbaji  |  Apr 28, 2023 05:48 PM  | 
Last Updated : Apr 28, 2023 05:48 PM
विस्टाडोम कोच में 50 फीसद पारदर्शी हिस्से के उस पार का नजारा देखना होता है खास.
विस्टाडोम कोच में 50 फीसद पारदर्शी हिस्से के उस पार का नजारा देखना होता है खास.

जगदलपुर. पहाड़ों की रानी यानी ट्रेन में लगने वाली विस्टाडोम कोच, मतलब चौड़ी खिड़की की ओर चेयर पर बैठकर शीशे के उस पार के खूबसूरत नजारों को देख सकते हैं. घाटी, पहाड़ी, सुरंगों से होकर गुजरने वाले छत्तीसगढ़ के इस रूट पर ऐसे ही एक पैसेंजर ट्रेन में तीन कोच लगाए जा रहे हैं. मई महीने से इसके मजे यात्री विशेषकर पर्यटक उठा सकेंगे. बता दें कि इस कोच में 50 प्रतिशत हिस्सा पारदर्शी होता है.

जी हां, बस्तर के किरंदुल से विशाखापत्तनम तक जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में तीन विस्टाडोम कोच लगाए जा रहे हैं. यह पर्यटकों को खूब पसंद आएगा. इस रूट की ट्रेन के चयन के पीछे भी खास कारण है. दरअसल, बस्तर के पहाड़ी व घाटियों वाले इलाके से लेकर ओडिशा और विशाखापत्तनम क्षेत्र के तटीय इलाके में छाई हरियाली यात्रियों को अलग एहसास दिलाता है. पर्यटक के रूप में आप इस हरियाली को न‍िहारना चाहते हैं. लेकिन, यदि आप ट्रेन में सफर के दौरान ही अनूठे पर्यटन का लुत्फ उठा लें तो क्या कहने. इसी पर्यटन के नजरिए से इस रूट पर पैसेंजर ट्रेन में विस्टाडोम के कोच लगाए जा रहे हैं.

इस माह से मिलेगी सुविधा
बता दें कि किरंदुल-विशाखापत्तम पैसेंजर के तीन कोच विस्टाडोम कोच के साथ अपने सफर पर मई महीने से रवाना होगी. तीन कोच होने से पर्याप्त सीटें होंगी, जिससे बुकिंग कराने में भी ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. हालांकि पहले दो कोच में ही यह सुविधा दी जा रही थीा, लेकिन बाद में रेलवे ने इसे बढ़ाकर तीन कर दिया.

इनका दीदार होगा खास
किरंदुल से विशाखापत्तनम के बीच कई ऊंची पहाड़ियां तो कई नीची घाटियां हैं. इनके बीच 58 टनल हैं. वहीं बस्तर की वादियों के साथ ओडिशा से आंध्रप्रदेश के बीच अनंतगिरि की सर्पीली घाटियां देखने को मिलेंगी. यह आपके सफर को नई ऊंचाइयां देंगे.

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