बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में कलेक्टर के पास एक अनोखी मांग सामने आई है. गांव के लोग जिनमें सरपंच भी शामिल था, वे गांव में 10 साल पहले बंद हुई शराब भट्ठी को फिर से खुलवाने की मांग लेकर पहुंचे थे. कलेक्टर भी उनकी मांग सुनकर हैरान रह गए. पूछने पर कहा कि दारू भट्ठी बंद होने से गांव की रौनक छिन गई है.
बता दें कि ये मामला बालोद जिले के करहीभदर गांव का है. दरअसल, वे एक साथ कई मांग लेकर पहुंचे थे. उनकी एक मांग ये भी थी कि गांव को उपतहसील का दर्जा दिया जाए. इसके पीछे कारण बताया कि यह गांव जिला मुख्यालय बालोद से 15 किलोमीटर दूर पड़ता है. जबकि तहसील गुरुर 12 किलोमीटर दूर है. कम से कम उपतहसील बन जाए तो गांव में रौनक रहेगी और बाजार में भी भीड़ बढ़ेगी. यह संभव नहीं है तो कम से कम शराब भट्ठी को दोबारा खुलवा दें.
बाजार में नहीं रहती भीड़, ग्राहकी हुई कम
गांव के सरपंच लीलाराम डडसेना का कहना था कि 10 साल पहले तक गांव में दारू भट्ठी खुली हुई थी. यहां आसपास के गांवों के लोग शराब खरीदने के लिए आते थे. तब गांव के दुकानदारों की भी ग्राहकी बढ़ती थी और बाजार में भी रौनक रहती थी. जबसे शराब बिकना बंद हुआ है तब से आसपास के गांवों के लोग भी कम आते हैं और बाजार की रौनक छिन गई है. इसके अलावा उन्होंने अवैध शराब की बिक्री बढ़ने को भी इसके पीछे की वजह बताया.
5 दिनों का अल्टीमेटम, फिर चक्काजाम
गांववालों ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में ये भी कहा है कि उन्हें 5 दिनों में उनकी मांगें माननी पड़ेगी. यदि नहीं मानते हैं तो वे चक्काजाम करने को मजबूर होंगे. तब इसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा. वहीं इस अनोखी मांग की अब सभी ओर जमकर चर्चा हो रही है.
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