भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के वैशाली नगर स्थित केनरा बैंक के मनेजर परमाल सिंह सींगोदिया की शिकायत पर पुलिस ने बैंक के म्यूल अकाउंट से 87 करोड़ 60 लाख रुपए के लेनदेन के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। इस पूरे मामले में साइबर एक्सपर्ट ने जांच शुरू कर दी है। शिकायत में पुलिस को बताया गया है कि ट्रांजेक्शन 1 अप्रैल 2017 से 5 अप्रैल 2025 तक हुआ है।
जानिए क्या होता है म्यूल अकाउंट
मिली जानकारी के अनुसार इसे मनी म्यूल अकाउंट भी कहते है। जैसे एक बैंक में खाता है, जिसका इस्तेमाल साइबर अपराधी, रुपए को इधर से उधर करने या मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल करते है। आमतौर पर यह खाते किसी तीसरे व्यक्ति के नाम पर खोले जाते हैं, जो या तो इस बात से अनजान होते हैं कि उनके खाते का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, या फिर जानबूझकर ऐसा वो करते हैं। फिलहाल इस मामले में केनरा बैंक के प्रबंधक ने शिकायत की है और 111 म्यूल अकाउंट मिले हैं, जिसमें 87 करोड़ 60 लाख रुपए का लेनदेन हुआ। बहरहाल बैंक प्रबंधक ने सतर्कता दिखाते हुए करीब 22 लाख रुपए को फ्रीज कर लिया है। वहीं शेष रकम खातों से निकाल ली गई। यहां सवाल उठता है कि लंबे समय से बैंक में लेनदेन होता रहा और बैंक प्रबंधन को इसकी भनक तक नहीं लगी।
समस्या कितनी गंभीर है?
आप शायद इस तथ्य से अनजान होंगे कि हर रोज सैकड़ों की संख्या में डिजिटल धोखाधड़ी हो रही है। इनमें से कुछ मामलों की रिपोर्टिंग हो जाती है, मतलब वे पुलिस तक पहुंच जाते हैं। शेष मामले यूं ही दब जाते हैं। ठगे गए व्यक्ति बदनामी के डर से या फिर पुलिस के डर से थाने तक नहीं पहुंच पाते हैं। तब भी हर दिन लगभग 800 डिजिटल धोखाधड़ी की रिपोर्ट होती है।
आप खुद को कैसे बचाएं?
बैंक के जानकार कहते हैं कि यह सुनिश्चित करें कि आपके अकाउंट में कोई अज्ञात लेनदेन न हो। आपको कोई विश्वसनीय और लालच वाले ऑफर दे तो तुरंत ना करें। मतलब कि उनसे बचें। कोई अनजान व्यक्ति आपके खाते में पैसे ट्रांसफर करने को कहे तो सावधान हो जाएं। इसके साथ ही अनजान लोगों को अपना आधार कार्ड या पैन कार्ड की कॉपी न दें।
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