रायपुर. छत्तीसगढ़ में जमीन की खरीदी-बिक्री के पंजीकरण में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. इस मामले में पंजीयन विभाग के मंत्री ओपी चौधरी ने सख्त कदम उठाते हुए रायपुर, धमतरी और पाटन के तीन वरिष्ठ उप पंजीयकों को निलंबित कर दिया है. इन अधिकारियों पर कुल 1 करोड़ 63 लाख रुपये की गड़बड़ी करने का आरोप है.
ये हैं निलंबित अफसर
पंजीयन विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता प्रकोष्ठ की जांच रिपोर्ट के बाद इन अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है. इन पर मुख्य रूप से जमीन के पंजीकरण में स्टांप शुल्क की मनमानी छूट देने, गाइडलाइन का उल्लंघन करने और गलत मूल्यांकन के आरोप हैं, जिसके कारण राज्य सरकार को करोड़ों रुपये की राजस्व हानि हुई. रायपुर की वरिष्ठ उप पंजीयक मंजूषा मिश्रा पर 87 लाख 12 हजार रुपये, धमतरी के उप पंजीयक सुशील देहरी पर 55 लाख 42 हजार रुपये और पाटन की उप पंजीयक शशिकांता पात्रे पर 21 लाख 14 हजार रुपये की अनियमितता का आरोप है.
पंजीयन विभाग के मंत्री ओपी चौधरी का कहना है कि यह कार्रवाई पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जा रही है और भविष्य में अन्य जिलों के पंजीयकों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है. उन्होंने कुछ महीने पहले ही सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया था, जो प्रदेश में हुई व्यावसायिक पंजीयन समेत बड़े रकबे के पंजीयन की प्रक्रिया की जांच कर रहा है.
इस प्रकोष्ठ की रिपोर्ट के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई है. सरकार का स्पष्ट संदेश है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे.
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