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पानी की तलाश में भटकते चीतल की मौत,कुत्तों ने बनाया शिकार,वन विभाग के कर्मचारी है हड़ताल पर

 Newsbaji  |  Mar 25, 2022 07:30 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

छत्तीसगढ़. कोरबा जिले में वन कर्मियों की हड़ताल का बुरा असर पड़ने लगा है। वन कर्मचारियों के हड़ताल चौथवें दिन भी जारी रही। वे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है। जिसका खामियाजा वन संपदा और वन्य प्राणियों को उठाना पड़ रही है।
बता दे कि जहां एक ओर कोरकोमा के जंगलों में लगातार आगजनी की घटनाएं हो रही है। वहीं मड़वारानी वन क्षेत्र में चीतल की मौत हो गई, इतना ही नहीं बीते दिनों एतमा नगर रेंज में हाथी के हमले से एक युवक की भी मौत हुई थी।
मड़वारानी क्षेत्र में एक और चीतल की मौत हो गई है। चीतल पानी की तलाश में भटक रहा था। इससे पहले भी जंगल से भटककर रिहायशी क्षेत्र में पहुंचे एक चीतल पर कुत्तों ने हमला कर दिया था। कुत्तों के हमले से चीतल की जान चली गई थी। हड़ताल होने की वजह से संबंधित वन परिक्षेत्र के वनकर्मी ड्यूटी पर तैनात नहीं होने के कारण इस तरह से घटनाएं हो रही है। वन विभाग प्रशासन को समय रहते ठोस कदम उठाने की जरुरत है, नहीं तो हालात ओर भी खराब हो सकते है।

महीने भर में हो चुकी चार चीतल की मौत

गर्मी की शुरूआत होते ही हिरण और चीतल की मौत का सिलसिला शुरू हो जाता है। हर साल औसतन 15 से 20 चीतल व हिरण की जान चली जाती है। पिछले माह भर के भीतर अकेले मड़वरानी पहाड़ से लगे गांवों में चार चीतल की मौत हो चुकी है। बुधवार को ग्राम खरहरी के पास एक नर चीतल की मौत हो गई। वन अधिकारियों इसकी सूचना दी गई। पहाड़ उपर उसका अंतिम संस्कार किया गया। जंगल मे असुरक्षित वातावरण के कारण हिरण व चीतल सहित वन्य जीवों की संख्या लगातार कम होते जा रही है।

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