रायपुर। मेसर्स टोपेस्टो प्राइवेट लिमिटेड के संचालकों को 112.78 करोड़ के फर्जी आईटीसी पारित करने के मामले में सेंट्रल GST ने पकड़ा है। संचालक मोहम्मद तबरेज अमदानी समेत चार आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड की मंजूरी दी है।
सूचना मिलने के बाद एक्शन
दरअसल, खुफिया सूचना के आधार पर सेंट्रल GST और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, रायपुर के अधिकारियों ने मैसर्स टोपिस्टो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसर पर निवारक कार्रवाई की। वहां यह पाया कि उक्त फर्म किसी भी प्रकार के माल या सेवाओं की आपूर्ति किए बिना बड़े पैमाने पर फर्जी बिल बनाने और नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने में शामिल है।
पूरे मामले की जांच में पता चला कि उक्त कंपनी के निदेशक मोहम्मद तबरेज अमदानी, नसीम बानो, अब्दुल रऊफ और उक्त कंपनी के सलाहकार/लेखाकार आशीष कुमार तिवारी मिलकर फर्जी फर्मों का समूह बनाने में लिप्त है।
कर चोरी का आरोप
इन फर्जी फर्मों के समूह के माध्यम से तबरेज और तिवारी ने 114.70 करोड़ रुपए का नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट बनाया और किसी भी प्रकार के माल और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना 1.92 करोड़ रुपए का नकली क्रेडिट कई फर्मों को पारित कर दिया। आरोपी आगे भी 112.78 करोड़ रुपए के फर्जी आईटीसी और पारित करने की योजना बना रहे थे। लेकिन सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय की त्वरित और समय पर की गई कार्रवाई के कारण वे ऐसा करने में विफल रहे।
अब तक 10 लोगों पर कार्रवाई
बात दे कि, पहले भी सीजीएसटी रायपुर ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ और विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इन गिरफ्तारियों के साथ जीएसटी लागू होने के बाद से सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय द्वारा गिरफ्तार व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
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