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सुपेबेड़ा जहां की पीढ़ियों ने झेली किडनी की बीमारी, जल्द पीएंगे फील्टर का पानी, शुरू हुआ काम

 Newsbaji  |  Oct 08, 2023 01:53 PM  | 
Last Updated : Oct 08, 2023 01:53 PM
सुपेबेड़ा समेत 9 गांवों में शुद्ध पेयजल के लिए फिलहाल टंकी निर्माण की कवायद शुरू हो गई है.
सुपेबेड़ा समेत 9 गांवों में शुद्ध पेयजल के लिए फिलहाल टंकी निर्माण की कवायद शुरू हो गई है.

गरियाबंद. छत्तीसगढ़ का गरियाबंद जिला, यहां है सुपेबेड़ा गांव. सुपेबेड़ा ही नहीं, आसपास के 5 और गांव तब सुर्खियों में आए जब पता चला कि यहां किडनी की बीमारी आम हो गई है और लोग न सिर्फ इन बीमारियों से जूझ रहे हैं बल्कि दम तोड़ रहे हैं. अब जाकर कवायद शुरू की गई है. गांव से लगी तेल नदी पर इंटकवेल के जरिए पानी फिल्टर प्लांट तक पहुंचेगा और टंकी के सहारे आसपास के गांवों में शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाएगा. इसके साथ ही पीढ़ियों से बर्बाद हो रही आबादी को बीमारी परोस रहे यहां के भूजल से राहत मिलेगी.

आपको बता दें कि सुपेबेड़ा समेत आसपास के गांवों के भूजल में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य से 300 गुना तक ज्यादा पाई गई है. यही वजह है कि यहां की आबादी पीढ़ियों से किडनी की बीमारी से ग्रसित होती रही है. हालांकि शुरुआत में इसका पता नहीं चल पाया था. साल 2011 में सुपेबेड़ा में जब किडनी की बीमारी से 48 लोगों की मौत हुई, तब यह बड़ा मुद्दा बन गया. तब साफ पानी उपलब्ध कराने की मांग भी शुरू हुई.

फाइलों में कैद रहा साफ पानी
तत्कालीन बीजेपी सरकार ने तब योजना का सर्वे और डीपीआर 10 सालों में तैयार किया. लेकिन, योजना फाइलों में ही कैद रहीं. तब तक मौत का आंकड़ा 60 से अधिक हो चुका था. यानी रसायन युक्त पानी की जगह साफ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की जा सकी.

इस तरह हुई काम की शुरुआत
साल 2018 में जब कांग्रेस की सरकार आई तो राज्य सरकार के मद से जल आवर्धन योजना के तहत यहां 10 करोड़ रुपये की मंजूरी का ऐलान किया गया. टेंडर की कवायद भी शुरू की गई. वहीं 2019 में केंद्र की जल जीवन मिशन लागू हो गया. तब सरकार ने जल जीवन मिशन के मद में शामिल कर इसे समूह जलप्रदाय योजना का नाम दे दिया. इस बीच राज्य मद के समय की 3 और फिर मिशन में शामिल होने के बाद 3 टेंडर अलग-अलग वजहों से फेल हो गए. लिहाजा 4 साल बाद तक काम शुरू नहीं हो सका. आखिरकार सरकार के अंतिम राज्य स्तरीय कमेटी में फिर सुपेबेड़ा सामूहिक जल प्रदाय योजना के लिए टेंडर जारी कर काम शुरू करा लिया गया है.

टंकी की रखी नींव
बीते शनिवार को सुपेबेड़ा में पीएचई विभाग की ओर से 8 करोड़ 45 लाख की लागत से काम की शुरुआत कर दी गई. अभी 10 लाख लीटर क्षमता की 21 मीटर ऊंची पानी टंकी की नींव के लिए खुदाई शुरू कराई गई है. तय योजना के अुनसार, तेल नदी के किनारे इंटक वेल बनाया जाएगा. वहां से पानी रिमूवल प्लांट आएगा. यहां पानी को फिल्टर कर टंकी में स्टोर किया जाएगा. फिर पानी की सप्लाई की जाएगी.

इन गांवों को मिलेगा साफ पानी

  1. सुपेबेड़ा
  2. निष्टीगुड़ा
  3. सेनमूड़ा
  4. ठीरलीगुड़ा
  5. सागौनभाड़ी
  6. खम्हारगुड़ा
  7. खोकसरा
  8. परेवापाली
  9. मोटरापारा

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