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नक्सल‍ियों के लगाए आईईडी की चपेट में आने से गाय चराने जंगल गई महिला की मौके पर मौत

 Newsbaji  |  Aug 12, 2024 12:36 PM  | 
Last Updated : Aug 12, 2024 12:36 PM
सुकमा जिले में नक्सलियों के लगाए आईईडी की चपेट में आने से महिला की मौत हो गई.
सुकमा जिले में नक्सलियों के लगाए आईईडी की चपेट में आने से महिला की मौत हो गई.

सुकमा. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के ब्लास्ट से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई है. यह घटना रविवार को किस्टाराम थाना क्षेत्र के डब्बामरका इलाके में घटित हुई, जहां स्थानीय महिला कवासी सुक्की अपने गायों को चराने के लिए जंगल की ओर गई थी. इस दौरान वह जंगल के पगडंडी मार्ग पर चल रही थी, तभी नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए प्रेशर आईईडी बम की चपेट में आ गई, जिससे जोरदार धमाका हुआ और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल बन गया है और गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंचे, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई.

नक्सली गतिविधियों के चलते सुकमा जिले में अक्सर इस प्रकार की घटनाएं होती रहती हैं. नक्सली अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए आईईडी जैसी घातक विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हैं, जिसका सबसे अधिक प्रभाव निर्दोष ग्रामीणों पर पड़ता है. इससे पहले भी इस क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा कई बार आईईडी ब्लास्ट किए जा चुके हैं, जिनमें सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों की जान गई है. कुछ समय पहले भी इसी तरह की एक घटना में नक्सलियों ने एक स्कूल बस को निशाना बनाया था, जिसमें कई बच्चों की जान जाने का खतरा था, लेकिन सौभाग्य से समय रहते सुरक्षाबलों ने उन्हें सुरक्षित निकाल लिया था.

कवासी सुक्की की मौत ने न केवल उसके परिवार को गहरा सदमा पहुंचाया है, बल्कि पूरे गांव को भय और असुरक्षा के माहौल में धकेल दिया है. नक्सलियों द्वारा ग्रामीण इलाकों में लगाए गए आईईडी बम अक्सर मासूम नागरिकों को निशाना बनाते हैं, जिनका इन संघर्षों से कोई लेना-देना नहीं होता. प्रशासन की ओर से इस घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है और इस बात की कोशिश की जा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

पुलिस और सुरक्षाबल इस इलाके में सक्रिय नक्सली समूहों को समाप्त करने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं, लेकिन नक्सलियों की इस तरह की क्रूर और हिंसक रणनीति से निपटना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है. सुकमा एएसपी निखिल रखेजा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि नक्सली अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए ऐसे घातक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, और इससे ग्रामीणों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है.

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस प्रकार की घटनाओं के बावजूद, सुरक्षाबल और प्रशासन मिलकर इन क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा स्थापित करने की दिशा में कार्यरत हैं. इसके साथ ही, प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को जागरूक करने और उन्हें नक्सलियों के खतरे से बचाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जा सके.

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