बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के लिमोरा गांव में राज्य का सबसे बड़ा और भव्य मंदिर बनने जा रहा है, जिसे 64 योगिनी मंदिर के नाम से जाना जाएगा. आज इस मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. खास बात यह है कि पूरा मंदिर पत्थरों से बनाया जाएगा, जिसके लिए राजस्थान से पत्थर मंगाए जा रहे हैं. यह प्रदेश का पहला 64 योगिनी मंदिर होगा और इसके निर्माण के बाद बालोद जिला पूरे देश में एक नई पहचान बनाएगा.
बता दें कि गुण्डरदेही तहसील के लिमोरा गांव में बनने वाले इस भव्य मंदिर का निर्माण मोक्ष धाम सेवा संस्थान द्वारा किया जा रहा है. गुरुदेव वीरेन्द्र देशमुख ने बताया कि मंदिर का भूमि पूजन दोपहर 3 बजे शुरू होगा. उन्होंने बताया कि मंदिर की विशेषता यह है कि इसके निर्माण में केवल पत्थरों का ही उपयोग किया जाएगा, जिन्हें गांव में आकार दिया जाएगा.
योगिनियों का है महत्व
64 योगिनियों को आदि शक्ति मां काली का अवतार माना गया है. पौराणिक कथा के अनुसार, घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध के दौरान योगिनियों का अवतरण हुआ था. ये सभी योगिनियां मां पार्वती की सखियां मानी जाती हैं. ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार, 64 योगिनियां भगवान कृष्ण की नासिका से प्रकट हुई थीं और इनका संबंध योग और तंत्र से है.
तांत्रिक विद्या और अलौकिक शक्तियों का प्रतीक
64 योगिनियां हिंदू धर्म में देवी शक्ति के एक समूह को दर्शाती हैं, जिन्हें तांत्रिक विद्या और अलौकिक शक्तियों का वाहक माना जाता है. यह समूह विशेष रूप से तांत्रिक विद्या से जुड़ा हुआ है, जो हिंदू धर्म के गूढ़ रहस्यों का प्रतीक है.
देश में अब तक केवल पांच 64 योगिनी मंदिर
भारत में अब तक पांच 64 योगिनी मंदिरों का अस्तित्व है. ये उड़ीसा के हीरापुर और रानीपुर झरियाल, मध्य प्रदेश के खजुराहो, मुरैना के मितौली और जबलपुर में स्थित हैं. अब छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के लिमोरा गांव में छठा 64 योगिनी मंदिर बन रहा है, जो इस क्षेत्र को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाएगा.
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