बिलासपुर। बिलासपुर—नागपुर के बीच चलने वाली अत्याधुनिक और 130 किलामीटर की स्पीड से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन की सुरक्षा पर सेंध और कोई नहीं इसके साथ चलने वाला कैटरिंग स्टाफ ही लगा रहा था। दरअसल, ट्रेन में बीड़ी पीने का मामला सामने आया था, जो कि आग लगने का कारण बन सकता था। जांच में पुष्टि होने के बाद आईआरसीटीसी से शिकायत की गई। तब कैटरिंग स्टाफ को हटाने के साथ ही संबंधित फर्म को 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साफ है कि बीड़ी के कश की कीमत 50 हजार रुपये की पड़ी है।
आपको बता दें कि ट्रेनों में स्मोकिंग प्रतिबंधित होता है, क्योंकि एक चिंगारी भी यहां खतरनाक साबित हो सकती है। इसीलिए प्रत्येक कंपार्टमेंट में स्पष्ट लिखा होता है कि यहां धूम्रपान निषेध है और पकड़े जाने पर भारी—भरकम जुर्माना भरना पड़ सकता है। ये तो बात हुई सामान्य ट्रेनों की। लेकिन जब बात वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक और उन्नत ट्रेन की हो तो मामले की गंभीरता और बढ़ जाती है। जबकि इस ट्रेन में इंटीरियर डिजाइनिंग पर भी पर्याप्त फोकस किया गया है, जिससे आग के मामले में भी यह ज्यादा संवेदनशील हो सकता है।
अब इस मामले की बात करें तो बिलासपुर रेलवे डिवीजन के सीनियर डीसीएम विकास कश्यप ने बताया उसके मुताबिक तीन दिन पहले वंदे भारत के एक कोच के डस्टबिन में बीड़ियां मिली थीं। बीड़ियों की संख्या ज्यादा थी। लिहाजा अंदाजा लगाया गया कि किसी यात्री ने स्मोकिंग की होगी। लेकिन, जब ट्रेन में लगे सीसीटीवी के फुटेज की जांच की गई तब पता चला कि कैंटरिंग स्टाफ ही बीड़ी पीता था। ऐसे में मामले की शिकायत आईआरसीटीसी से की गई। इसके बाद कैटरिंग फर्म के संबंधित कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं आईआरसीटीसी ने कैटरिंग फर्म पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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