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आदिवासी कन्या आश्रम में बीमार बच्ची की मौत, अनदेखी पर उठे सवाल

 Newsbaji  |  Nov 11, 2024 01:08 PM  | 
Last Updated : Nov 11, 2024 01:08 PM
सूरजपुर के आश्रम में बच्ची की मौत हो गई है.
सूरजपुर के आश्रम में बच्ची की मौत हो गई है.

सूरजपुर. छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के डेडरी स्थित आदिवासी कन्या आश्रम में एक नौ वर्षीय छात्रा की मौत हो गई है. छात्रा दूसरी कक्षा में पढ़ती थी और पिछले दो सालों से आश्रम में रहकर अपनी पढ़ाई कर रही थी. बुधवार को छात्रा की तबीयत अचानक बिगड़ी, जिसके बारे में उसने आश्रम की वार्डन को जानकारी दी थी. छात्रा की देखभाल और इलाज में हुई कमी को लेकर अब आश्रम की सुरक्षा और व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

गाल में दर्द की शिकायत, वार्डन ने लगाया था पट्टी
मृतक छात्रा सूरजपुर के सुरता गांव निवासी मनोज सिंह की बेटी थी. उसने बुधवार को वार्डन से अपने गाल में तेज दर्द होने की शिकायत की थी, जिसके बाद वार्डन ने दर्द को कम करने के लिए गाल पर पट्टी चिपका दी. लेकिन इसके बाद भी बच्ची की हालत में सुधार नहीं हुआ. वार्डन द्वारा उसकी स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान नहीं दिए जाने से अब वार्डन और आश्रम प्रबंधन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.

बिगड़ती हालत के बावजूद सही इलाज नहीं मिलने का आरोप
पट्टी लगाने के बाद बच्ची ने स्कूल जाने की कोशिश की, लेकिन उसकी हालत और बिगड़ गई. स्कूल से लौटने के बाद बच्ची ने खाना-पीना छोड़ दिया और रातभर उसकी तबीयत और खराब होती चली गई. आश्रम में रहने वाले बच्चों का कहना है कि बच्ची की तकलीफ को गंभीरता से नहीं लिया गया और उसे उचित इलाज के लिए तुरंत अस्पताल नहीं भेजा गया, जिसके कारण उसकी हालत और गंभीर हो गई.

सुबह मृत पाई गई छात्रा
अगले दिन सुबह बच्ची अपने बिस्तर पर अचेत पाई गई. जब अन्य छात्राओं ने देखा कि वह उठ नहीं रही है, तो तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. यह घटना पूरे आश्रम के वातावरण में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर गई है, और स्थानीय प्रशासन पर बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देने का दबाव बढ़ा है.

पुलिस ने शुरू की जांच
इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंची और मामले में मर्ग कायम कर बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही छात्रा की मौत के असल कारण का पता चल सकेगा. उन्होंने मामले की गंभीरता से जांच करने का आश्वासन दिया है और आश्रम की व्यवस्था को लेकर भी जांच शुरू कर दी गई है. इस घटना ने आश्रमों में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसे लेकर समाज में आक्रोश बढ़ रहा है.

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