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ईशा मसीह कट्टर वैष्णव थे, आरक्षण में बताए 5 दोष, जानें शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने और क्या कहा?

 Newsbaji  |  Feb 12, 2023 01:35 PM  | 
Last Updated : Feb 12, 2023 01:35 PM
 शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रायपुर में विभिन्न मुद्दों पर अपनी बातें रखी.
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रायपुर में विभिन्न मुद्दों पर अपनी बातें रखी.

रायपुर. जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने अपने रायपुर प्रवास के दौरान रविवार को पत्रवार्ता में अपनी बातें रखीं. इस दौरान उन्होंने एक बड़ी बात कही है कि ईशा मसीह कट्टर वैष्णव थे. इसके अलावा देश में जारी आरक्षण पर भी बात रखते हुए इसके पांच दोष भी गिनाए. धर्म, समाज व धर्मांतरण को लेकर जारी बहस आदि पर भी उन्होंने बातें रखीं.

जब शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से पूछा गया कि हिन्दू राष्ट्र में मुसलमान और इसाईयों का क्या स्थान है, तब उन्होंने कहा कि सबके पूर्वज सनातनी थे. ईशा मसीह की प्रतिमा रोम में है. उसे ढंककर रखा गया है. वैष्णव तिलक से युक्त ईशा की प्रतिमा सामने आ जाएगी. उन्हें को सूली पर चढ़ा दिया गया था. वे कट्टर वैष्णव थे.

वीपी सिंह ने थोपा आरक्षण
शंकराचार्य ने वर्तमान आरक्षण में पांच दोष गिनाए और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने इसे थोपा है ताकि वे पद पर लंबे समय तक रह सकें. उन्होंने कहा कि जिन्हें कुटीर उद्योग थमाया गया था, उन्हें आरक्षण की क्या आवश्यकता है.

रामचरित मानस पर दूर करें अपनी मूर्खता
रामचरित मानस पर संशोधन मामले को लेकर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि जो लोग टिप्पणी कर रहे हैं क्या रामचरित मानस को जानते हैं. यह लांछित होने योग्य नहीं है. इन लोगों ने राष्ट्रपति के पास जाकर निवेदन किया है कि अमुक पंक्तियों पर उन्हें आपत्ति है. उन्होंने कहा कि चाणक्य नीति का अध्ययन कीजिए. अर्थ न जानकर कोई संशोधन चाहता है वो अपनी नासमझी और मूर्खता को दूर कर लें.

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