रायपुर. शिरडी वाले साईं बाबा पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान का समर्थन पुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने भी किया है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शनिवार को मीडिया से चर्चा में स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि बागेश्वर धाम वाले हमारे लाडले और प्यारे हैं. मैं जो कह रहा हूं उसी का उन्होंने समर्थन किया है, वो जो कह रहे है मैं उसका समर्थन कर रहा हूं.
निश्चलानंद ने कहा कि कोई भी बाबा हो दिशाहीन शासनतंत्र और व्यापार तंत्र से उन्हें भगवान स्थापित किया जाता है. इन्हीं तंत्रों से कुछ समय बाद निरस्त कर दिया जाता है. भगवान, भगवान ही हैं और मनुष्य,मनुष्य ही है. हमारे मठ मंदिरों की मर्यादा को किसी बाबा, बाबू के नाम पर निरस्त करना अनुचित है. किसी को भगवान के रूप में स्थापित करना दिशाहीन शासनतंत्र और व्यापार तंत्र का दोतक है.
बता दें कि मध्य प्रदेश के जबलपुर के पनागर में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान धीरेन्द्र शास्त्री ने साईं बाबा पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनकी खूब आलोचना हुई. दरअसल जबलपुर में एक शख्स ने साईंबाबा की वैदिक तरीके से पूजा करने को लेकर सवाल पूछा तो धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब देते हुए कहा था कि साईं बाबा भगवान नहीं हैं. गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता है. हमारे शंकराचार्य ने साईंबाबा को भगवान का स्थान नहीं दिया है. शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री हैं, उनकी आज्ञा का पालन करना प्रत्येक सनातनी हिंदू का कर्तव्य है.
हिंदू राष्ट्र की मांग पर कही ये बात
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के हिन्दू राष्ट्र वाले बयान पर पूरी मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा- कोई भी अपना वर्चस्व स्थापित करने खंडन कर सकता है. जो होना है मैं वही कहता हूं जो कहता हूं. वही होना है जिस क्रम से हो रहा है. मैं वही क्रम से बोल रहा हूं. बता दें कि अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि हिंदू राष्ट्र की मांग की बजाय रामराज्य की मांग की जानी चाहिए.
इधर निश्चलानंद ने हाल ही में हिन्दू राष्ट्र की मांग को लेकर रायपुर के हुई साधु संतों की सभा पर कहा कि पहली बात मैं किसी से मांग करता नहीं हूं. मांग भरने वाला पति हो जाता है. जो होना है वही मैं कहता हूं और जो कहता हूं वही होना है. उदाहरण के लिए श्री राम सेतु की रक्षा होनी चाहिए. विदेशी तंत्रों को रामसेतु को तोड़ने के लिए करुणानिधि के शासनकाल में लगा दिया गया था. मैंने सरकार से कुछ नहीं कहा..रामेश्वरम की यात्रा की और आज रामसेतु सुरक्षित है.
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