बिलासपुर. कोयला घोटाला के मामले में जेल में बंद राज्य संवर्ग की अधिकारी व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निज सचिव रही सौम्या चौरसिया को बड़ा झटका लगा है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. यानी अभी वे जेल में ही रहेंगी. बता दें कि ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की थी, फिर कोर्ट में पेश कर रिमांड पर जेल भेज दिया था.
बता दें कि सौम्या चौरसिया गिनती छत्तीसगढ़ की रसूखदार अफसर के रूप में रही है, लेकिन, ईडी के रडार में आने और फिर निलंबन के बाद अब जेल से बाहर आने में भी उन्हें एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. उसमें भी सफलता नहीं मिल रही है. दरअसल, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निज सचिव रही निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. जबकि इससे पहले ही सौम्या की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
2 माह बाद फैसला
बता दें कि 2 माह पहले ही इस मामले की लगातार सुनवाई हुई. एक ओर जहां ईडी की ओर से कई तर्क पेश किए गए और कहा गया कि जेल से बाहर आने पर कई तरह से जांच प्रभावित हो सकती है. जबकि जेल में ही रखे जाने के पक्ष में भी कई सबूत दिखाए गए. जबकि जमानत को लेकर सौम्या के वकील ने भी उनकी ओर से पक्ष रखा था. लेकिन, अब जब 2 माह बाद फैसला आया है, उसमें सीधे तौर पर जमानत को खारिज कर दिया गया है.
इन मामलों में लगाया गया है आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीएम के उप सचिव रही व राज्य सेवा संवर्ग की अधिकारी सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला के मामले में आरोप तो लगाए ही हैं. इसके अलावा इसमें अवैध उगाही गिरोह मामले में भी अहम सबूत मिलने का दावा किया गया है. ईडी के अनुसार, प्रारंभिक रूप से ये घोटाला 500 करोड़ से भी ऊपर का है. इस मामले में कई अभियुक्तों की संपत्तियां जब्त की गई हैं. ईडी के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डॉ. सौरभ पांडेय ने हाई कोर्ट द्वारा सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज किए जाने के फैसले की पुष्टि की है.
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