बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कोयला घोटाला व मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद राज्य प्रशासनिक अधिकारी सौम्या चौरसिया की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश का हवाला देते हुए ये याचिका दायर की थी.
वहीं अब 10 जून को मामले की अगली सुनवाई होगी. तब तक तो उन्हें जेल में ही रहना होगा. जमानत मामले में होने वाली इस अगली सुनवाई में भी पक्ष में फैसला आता है तब तो जमानत मिलेगी, वरना उन्हें जेल में ही आगे भी रहना होगा.
बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में सौम्या चौरसिया तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निज सचिव थीं. उसी दौर में ईडी ने प्रदेश में कथित तौर पर कोयला घोटाले के मामले में कार्रवाई शुरू की थी. घोटाले के मास्टरमाइंड समेत कई आइएएस व अन्य अफसरों को आरोपी बताया गया.
जांच की आंच सौम्या चौरसिया तक भी पहुंची. बाद में उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. तब से वे जेल में बंद हैं. जमानत के लिए वे कई अलग-अलग तर्क पेश कर याचिका दायर कर चुकी हैं. स्पेशल कोर्ट व हाई कोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट तक भी मामला पहुंचा है.
इस बार हाई कोर्ट में उन्होंने बच्चों की परवरिश को लेकर अंतरिम जमानत की मांग की थी. इस पर उनके व ईडी के वकीलों की दलीलें पेश की गईं. तमाम दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत से इनकार कर दिया.
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