बलरामपुर. जिले के एसपी मोहित गर्ग को दंगाई बताते हुए तख्ती लेकर धरने पर बैठे जिला मुख्यालय बलरामपुर के लोग. उनका नेतृत्व कर रहे हैं रामानुजगंज के विधायक बृहस्पत सिंह. इतना ही नहीं, गुरुवार को जहां धरना-प्रदर्शन और नेशनल हाईवे पर चक्काजाम किया गया, तो वहीं अब शुक्रवार और शनिवार दो दिनों के लिए नगर बंद का भी ऐलान किया गया है. कारण भी ऐसा है, जिसमें पुलिस की लाचारी सामने आई थी. जी हां, अंबिकापुर से आए बारातियों ने यहां गदर काटा, लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर कूटा. पुलिस एफआईआर दर्ज करने को भी राजी नहीं थे. आखिरकार MLA ने दखल दी तो एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन मामूली धाराओं के साथ. अब इसी के विरोध में ये आंदोलन चल रहा है.
विवाद की शुरुआत बीते बुधवार की रात से हुई थी, अंबिकापुर से बारात में पहुंचे लोगों ने पटवारी समेत अन्य लोगों के साथ मारपीट और गुंडागर्दी की थी. इसके बाद भी पुलिस के कोई खास सख्ती नहीं बरती. इससे लोगों में आक्रोश पनपा. तब रामानुजगंज विधायक आगे आए और वे धरने पर बैठ गए. उन्होंने बलरामपुर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग को मौके पर बुलाने और जनभावनाओं के अनुरूप अपराधियों को हथकड़ी पहनाकर कोर्ट में पेश करने की मांग पर अड़ गए. इस पूरे विवाद का मुख्य कारण बाहर से जाकर खुलेआम गुंडागर्दी करने वालों को पकड़ने के बाद भी पुलिस द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं करने को बताया गया है. आरोपियों के प्रति पुलिस की इस सहानुभूतिपूर्ण रवैया के कारण सभी गुस्से में हैं.
ऐसे शुरू हुआ विवाद
बारात वाली घटना एक शिक्षक और पटवारी के बीच चल रहे विवाद से शुरू हुई थी. दरअसल, बलरामपुर के पुराने बस स्टैंड में बुधवार की रात करीब 10 बजे दहेजवार हल्का का पटवारी हामिद रजा खड़ा था. वहां शिक्षक अमित सिंह भी था, जिसने नामांतरण नहीं करने का आरोप लगाकर पटवारी से विवाद शुरू किया, तभी बारात में शामिल शिक्षक के परिचित बारातियों ने पटवारी पर हमला कर दिया. किसी प्रकार पटवारी जान बचाने दौड़ते हुए जितेंद्र श्रीवास्तव के घर में घुस गए.
आरोपियों ने घर में घुसकर पटवारी के साथ दोबारा मारपीट की. इतना ही नहीं, बीच-बचाव करने आए जितेंद्र श्रीवास्तव, उनके भाई राजेश श्रीवास्तव और घर की महिलाओं से भी मारपीट की. तब पटवारी ने भी अपने परिचितों को बुलवाया, लेकिन बारातियों ने उन्हें तक नहीं छोड़ा. पूरा माहौल बिगड़ गया और इसके बाद भी पुलिस ने मामूली कार्रवाई की, जिसके बाद लोगों का आक्रोश भड़का है.
लगाई मामूली धाराएं
इस घटना के बाद जब पीड़ित लोगों के साथ शहरवासी भी थाने पहुंचे तो भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी. तब आधी रात विधायक बृहस्पत सिंह थाने पहुंचे और वेविजयनगर से रात एक बजे बलरामपुर थाने पहुंचे. उन्होंने तत्काल पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग को भी थाने बुलाया. उनके हस्तक्षेप के बाद पुलिस को आखिरकार बलरामपुर थाने में अंबिकापुर के अभिषेक सिंह, विकास सिंह,रिंकू यादव,राजा सोनी, आलोक द्विवेदी, राजेश मिश्रा, आकाश सोनी समेत अन्य के खिलाफ धारा 147,294 506 323 के तहत अपराध दर्ज किया गया.
बलरामपुर. जिले के एसपी मोहित गर्ग को दंगाई बताते हुए तख्ती लेकर धरने पर बैठे जिला मुख्यालय बलरामपुर के लोग. उनका नेतृत्व कर रहे हैं रामानुजगंज के विधायक बृहस्पत सिंह. इतना ही नहीं, गुरुवार को जहां धरना-प्रदर्शन और नेशनल हाईवे पर चक्काजाम किया गया, तो वहीं अब शुक्रवार और शनिवार दो दिनों के लिए नगर बंद का भी ऐलान किया गया है. कारण भी ऐसा है, जिसमें पुलिस की लाचारी सामने आई थी. जी हां, अंबिकापुर से आए बारातियों ने यहां गदर काटा, लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर कूटा. पुलिस एफआईआर दर्ज करने को भी राजी नहीं थे. आखिरकार MLA ने दखल दी तो एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन मामूली धाराओं के साथ. अब इसी के विरोध में ये आंदोलन चल रहा है.
विवाद की शुरुआत बीते बुधवार की रात से हुई थी, अंबिकापुर से बारात में पहुंचे लोगों ने पटवारी समेत अन्य लोगों के साथ मारपीट और गुंडागर्दी की थी. इसके बाद भी पुलिस के कोई खास सख्ती नहीं बरती. इससे लोगों में आक्रोश पनपा. तब रामानुजगंज विधायक आगे आए और वे धरने पर बैठ गए. उन्होंने बलरामपुर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग को मौके पर बुलाने और जनभावनाओं के अनुरूप अपराधियों को हथकड़ी पहनाकर कोर्ट में पेश करने की मांग पर अड़ गए. इस पूरे विवाद का मुख्य कारण बाहर से जाकर खुलेआम गुंडागर्दी करने वालों को पकड़ने के बाद भी पुलिस द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं करने को बताया गया है. आरोपियों के प्रति पुलिस की इस सहानुभूतिपूर्ण रवैया के कारण सभी गुस्से में हैं.
ऐसे शुरू हुआ विवाद
बारात वाली घटना एक शिक्षक और पटवारी के बीच चल रहे विवाद से शुरू हुई थी. दरअसल, बलरामपुर के पुराने बस स्टैंड में बुधवार की रात करीब 10 बजे दहेजवार हल्का का पटवारी हामिद रजा खड़ा था. वहां शिक्षक अमित सिंह भी था, जिसने नामांतरण नहीं करने का आरोप लगाकर पटवारी से विवाद शुरू किया, तभी बारात में शामिल शिक्षक के परिचित बारातियों ने पटवारी पर हमला कर दिया. किसी प्रकार पटवारी जान बचाने दौड़ते हुए जितेंद्र श्रीवास्तव के घर में घुस गए.
आरोपियों ने घर में घुसकर पटवारी के साथ दोबारा मारपीट की. इतना ही नहीं, बीच-बचाव करने आए जितेंद्र श्रीवास्तव, उनके भाई राजेश श्रीवास्तव और घर की महिलाओं से भी मारपीट की. तब पटवारी ने भी अपने परिचितों को बुलवाया, लेकिन बारातियों ने उन्हें तक नहीं छोड़ा. पूरा माहौल बिगड़ गया और इसके बाद भी पुलिस ने मामूली कार्रवाई की, जिसके बाद लोगों का आक्रोश भड़का है.
लगाई मामूली धाराएं
इस घटना के बाद जब पीड़ित लोगों के साथ शहरवासी भी थाने पहुंचे तो भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी. तब आधी रात विधायक बृहस्पत सिंह थाने पहुंचे और वेविजयनगर से रात एक बजे बलरामपुर थाने पहुंचे. उन्होंने तत्काल पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग को भी थाने बुलाया. उनके हस्तक्षेप के बाद पुलिस को आखिरकार बलरामपुर थाने में अंबिकापुर के अभिषेक सिंह, विकास सिंह,रिंकू यादव,राजा सोनी, आलोक द्विवेदी, राजेश मिश्रा, आकाश सोनी समेत अन्य के खिलाफ धारा 147,294 506 323 के तहत अपराध दर्ज किया गया.
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