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छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटें, कांग्रेस ने केन्द्रीय नेताओं को दिया मौका, फिर स्थानीय नेता वेटिंग में

 Newsbaji  |  May 30, 2022 10:57 AM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

रायपुर। राज्यसभा के लिए कांग्रेस पार्टी ने रविवार देर रात राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला और लोकसभा की पूर्व सांसद रंजीत रंजन को छत्तीसगढ़ से प्रत्याशी बनाया गया। राजीव उत्तर प्रदेश से आते हैं, वहीं रंजीत रंजन का संबंध बिहार से है। कांग्रेस ने टिकट बंटवारे में केन्द्रीय नेतृत्व को महत्व दिया है। छत्तीसगढ़ के स्थानीय नेताओं में किसी को मौका नहीं मिला। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब राज्यसभा में कोई नहीं जा रहा है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम शनिवार को अकेले ही दिल्ली गए थे। वहां केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी बात रखी। मोहन मरकाम उस बैठक के बाद रविवार को रायपुर लौट आए। वे अपने साथ कोरा बी. फॉर्म अथवा टिकट लाए हैं। इसमें घोषित उम्मीदवारों का नाम भरकर नामांकन पत्र के साथ रिटर्निंग अफसर को दिया जाना। मोहन मरकाम के लौटने के काफी देर बाद पार्टी महासचिव और केंद्रीय चुनाव समिति के प्रभारी मुकुल वासनिक ने सात राज्यों के लिए 10 पार्टी उम्मीदवारों की सूची जारी की।छत्तीसगढ़ से उच्च सदन में जाने के लिए पार्टी ने राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन को चुना है। रंजीत रंजन 10 नेताओं की सूची में एकमात्र महिला उम्मीदवार भी हैं।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मौजूदा ताकत को देखते हुए दोनों नेताओं का निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुना जाना तय है। नामांकन 31 मई को होगा। वह नामांकन का आखिरी दिन है, ऐसे में उसी दिन विजेताओं की घोषणा हो जाएगी।

कौन है राजीव कुमार
उत्तर प्रदेश के कानपुर के राजीव शुक्ला 63 वर्ष के हैं। पत्रकारिता से कॅरियर की शुरुआत कर वे, राजनीति और क्रिकेट प्रशासन में सक्रिय रहे हैं। साल 2000 में उन्हें पहली बार महाराष्ट्र से राज्यसभा भेजा गया था। 2003 में उनके राजनीतिक दल अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया। उसके बाद वे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे। वे तीन बार महाराष्ट्र से ही राज्यसभा जा चुके हैं। वे इंडियन प्रीमियर लीग के अध्यक्ष रहे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे। हॉकी इंडिया लीग की गवर्निंग बॉडी में शामिल हैं।

रंजीत रंजन?
मध्य प्रदेश के रीवा में जन्मस्थली रंजीत रंजन लॉन टेनिस की खिलाड़ी रही हैं। उन्होंने बिहार के बाहुबली सांसद पप्पू यादव से विवाह किया। शादी के एक साल के भीतर ही रंजीत पति के साथ राजनीति में सक्रिय हो गईं। बिहार के सुपौल से विधानसभा चुनाव से शुरुआत की। जीत नहीं मिली। 2004 में रंजीत रंजन, लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर सहरसा से पहली बार लोकसभा पहुंचीं। परिसीमन के बाद सहरसा सीट के स्थान पर सुपौल क्षेत्र बना। इस सीट से रंजीत ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जदयू उम्मीदवार से हार गईं। 2014 में उन्होंने मोदी लहर के बावजूद सुपौल सीट पर जीत दर्ज की। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अभी वे कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं।

छत्तीसगढ़ से दावेदारों के नाम की लंबी लिस्ट थी..
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस में छत्तीसगढ़ के दर्जन भर से अधिक दावेदार अलग-अलग स्तर पर सक्रिय रहे। इसमें सतनामी समाज के धर्मगुरु बालदास, शकुन डहरिया का नाम था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा, महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा, पूर्व विधायक लेखराम साहू, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, दुर्ग जिले की तुलसी साहू का नाम भी था। मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी, डॉ. राकेश गुप्ता, संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी एवं अन्य नेताओं के नाम भी दावेदारों की सूची में शामिल बताए जा रहे है। लेकिन हाई कमान के फैसले के बाद अब उम्मीद खत्म हो गई।

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