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नवा रायपुर में 27 गांव के किसान दौबारा से हुए लामबंद, प्रशासन ने जबरन हटाया था NRDA परिसर से

 Newsbaji  |  Apr 25, 2022 04:19 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

रायपुर. छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में आंदोलनरत 27 गांव के किसानों ने धरने देने के लिए गांव के बाहर बैठ गए है। जिला प्रशासन ने रविवार को सुबह-सुबह उन्हें नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (NRDA) परिसर से बलपूर्वक हटा दिया गया था। किसान वहां से हटकर कयाबांधा अपने गांव के बाहर आम के खेत में बैठ गए हैं। किसान जमीन मुआवजे सहित कई मांगों को लेकर पिछले 100 दिनों से अधिक समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान कयाबांधा गांव के बाहर एकजुट हुए।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता रूपन चंद्राकर ने बताया कि, प्रशासन ने किसान आंदोलन पर जानबूझ कर हमला किया है। इससे लोगों में काफी नाराजगी है। हमारी जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक पीछे हटने वाले नहीं हैं। वहां से हटने के बाद हम लोग कयाबांधा गांव के बाहर आम के बगीचे में इकट्‌ठे हुए हैं। वहां पहले भी संगठन की बैठके और धरने आदि होते रहे हैं। रविवार को भी वहां एक बड़ी बैठक हुई है। वहां आंदोलन की आगे की रणनीति पर शुरुआती चर्चा हुई है। अपनी आठ मांगों को लेकर किसानों का यह आंदोलन 3 मार्च से जारी है। लेकिन 24 अप्रैल को जबरन जिला प्रशासन और पुलिस बल के दम पर हमें हटाकर सारा सामान जब्त कर लिया गया है।

किसान नेता रूपन चंद्राकर दावा कर रहे है कि जिला प्रशासन ने उनके आंदोलन से करीब 20 लाख रुपए की सामग्री अपने कब्जे में ली है। इसमें करीब एक लाख रुपए नकद, 6 कूलर, आवश्यक कागजात, टेंट, बिस्तर, माइक, साउंड, बिजली के सामान, दरी आदि शामिल है। जिसको लेकर प्रशासन की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।

जानकारी के अनुसार, रविवार को रायपुर कलेक्टर और एएसपी ने आंदोलनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात के लिए बुलाया था। वहां पहुंचने पर उन लोगों ने सरकार का 22 अप्रैल को जारी एक आदेश की कॉपी पकड़ा दी गई है। जिसमें कहा गया कि धारा-144 लागू होने की वजह से आंदोलन नहीं किया जा सकता है। आंदोलन करने के लिए पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है।

27 गांव के पुरुष-महिलाएं हुई लामबंद।

राकेश टिकैत किसानों के साथ
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति का प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात कर चुका है। जिसके बाद टिकैत ने 27 अप्रैल को किसानों के धरने में शामिल होने की तारीख दी थी। लेकिन किसानों के आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार ने उन्हें अलग-थलग कर रही है। बावजूद इसके किसान अपनी मांगों को लेकर नवा रायपुर में कयाबांधा में एकजुट हो गए है। बताया जा रहा है कि 27 अप्रैल को राकेश टिकैत का कार्यक्रम भी यहीं पर होने वाला है।

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