रायपुरः मध्यप्रदेश में चल रहे OBC आरक्षण का मुद्दा अब छत्तीसगढ़ में भी गरमाने लगा है। छत्तीसगढ़ में अब 27% आरक्षण को लागू करने की मांग को लेकर भाजपा सड़कों पर उतर चुकी है। लिहाजा आने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में इस मुद्दे को लेकर भाजपा ओर भी आक्रमक हो सकती है।
राज्य सरकार भूल गई वादा-नेता प्रतिपक्ष
छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आयी है तब से ओबीसी वर्ग के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। भाजपा ओबीसी मोर्चा 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर कांग्रेस को लगातार घेर रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने ऐलान के ढाई साल बीत जाने के बाद भी 27 प्रतिशत आरक्षण का वादा पूरा नहीं कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त 2019 को ऐलान किया था कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जाएगा। इसे ही याद दिलाने के लिए पूरे प्रदेश में भाजपा ने प्रदर्शन किया है।
प्रदेश में आरक्षण की व्यवस्था
बता दे कि, छत्तीसगढ़ में एसटी को 32 फीसदी, एससी को 13 फीसदी, ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। 15 अगस्त 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने के ऐलान किया था। साथ ही सवर्ण गरीबों को भी 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया गया था। मगर समाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ कोर्ट चले जाने की वजह से कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण देने का उचित आधार ना पाए जाने पर रोक लगा दी थी। वहीं सवर्ण गरीब आरक्षण का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में होने का हवाला दिया गया था।
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