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कांकेर में फिर पुलिस-नक्सली मुठभेड़, अब तक 3 नक्सलियों के मारे जाने की खबर

 Newsbaji  |  Nov 16, 2024 12:25 PM  | 
Last Updated : Nov 16, 2024 12:25 PM
कांकेर में तीन नक्सलियों के मारे जाने की खबर है.
कांकेर में तीन नक्सलियों के मारे जाने की खबर है.

कांकेर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के माड़ क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ की घटना सामने आई है. बस्तर क्षेत्र के आईजी सुंदरराज ने पुष्टि की है कि मुठभेड़ के दौरान तीन नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं. उनके पास से हथियार भी जब्त किए गए हैं. हालांकि टीम के लौटने के बाद और भी जानकारियां सामने आने की बात कही जा रही है.

यह घटना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ने की पुष्टि करती है. लंबे समय से यह इलाका नक्सल गतिविधियों का केंद्र रहा है. इस मुठभेड़ से सुरक्षा बलों की कार्रवाई और नक्सलियों के बीच टकराव का एक और मामला जुड़ गया है. कांकेर और नारायणपुर जिले की सीमा पर स्थित माड़ इलाका, अपने दुर्गम भौगोलिक स्थितियों के कारण नक्सलियों का गढ़ माना जाता है.

इस क्षेत्र में ऑपरेशन चलाने के दौरान सुरक्षा बलों को अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पुलिस अधीक्षक आईके एलिसेला ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई है. यह इलाका कोर क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां नक्सलियों का प्रभाव अधिक है. जवानों और मुख्यालय के बीच संपर्क टूटने से स्थिति की सटीक जानकारी मिलने में समय लग रहा है. मुठभेड़ के बाद लौटने वाले जवानों के माध्यम से ही घटना की पूरी तस्वीर सामने आएगी.

माड़ क्षेत्र छत्तीसगढ़ के उन इलाकों में से एक है जहां नक्सल गतिविधियां दशकों से जारी हैं. इससे पहले भी बस्तर संभाग के कई हिस्सों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो चुकी हैं. 2022 में नारायणपुर जिले में एक घातक मुठभेड़ में सात जवान शहीद हुए थे, जबकि कई घायल हुए थे. 2019 में माड़ क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत कई नक्सलियों को गिरफ्तार किया था.

इस घटना के बाद, सुरक्षा बलों की ओर से नक्सलियों पर दबाव बढ़ाने की संभावना है. पिछले कुछ वर्षों में, नक्सल विरोधी अभियानों को तेज करते हुए सरकार और पुलिस ने कई नई रणनीतियां अपनाई हैं. ड्रोन, आधुनिक तकनीक और विशेष बलों की तैनाती से इन इलाकों में ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. हालांकि, दुर्गम इलाकों और स्थानीय समर्थन की वजह से नक्सलियों की पकड़ कमजोर नहीं हुई है. माड़ जैसी जगहों पर नक्सलियों की मौजूदगी यह दिखाती है कि सुरक्षा बलों को अपने अभियानों में और अधिक रणनीतिक बदलाव की जरूरत है.

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