Wednesday ,October 23, 2024
होमछत्तीसगढ़खदान के लिए जमीन अध‍िग्रह‍ित करने के बाद भी मुआवजा न नाैकरी, परेशान होकर खा लिया जहर...

खदान के लिए जमीन अध‍िग्रह‍ित करने के बाद भी मुआवजा न नाैकरी, परेशान होकर खा लिया जहर

 Newsbaji  |  Jun 16, 2023 01:21 PM  | 
Last Updated : Jun 16, 2023 01:21 PM
कोरबा के कुसमुंडा खदान प्रभावित ने उठाया आत्मघाती कदम, इलाज जारी.
कोरबा के कुसमुंडा खदान प्रभावित ने उठाया आत्मघाती कदम, इलाज जारी.

कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल की कोलमाइन कुसमुंडा संचालित है. खदान प्रबंधन एक ओर उत्पादन की उपलब्धियां हासिल कर वाहवाही लूट रहा है. दूसरी ओर, जिनसे जमीन लेकर खदान का विस्तार कर रहे हैं उनकी अनदेखी कर रहे हैं. ऐसे परिवारों पर ये अनदेखी भारी पड़ रही है. ताजा मामला आत्महत्या की कोशिश का है, जिसमें पीड़ित ने जमीन अधिग्रहण के बाद भी नौकरी व मुआवजा नहीं मिलने से परेशान होकर जहर खा लिया. उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

बता दें कि कुसमुंडा प्रोजेक्ट एशिया की बड़ी कोयला खदानों में से एक है. यहां कोयला खनन व उत्पादन बढ़ाने के लिए एक ओर तो बड़ी मशीनरी व अत्याधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है. दूसरी ओर, खदान का विस्तार भी किया जा रहा है. इसमें आसपास के गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रह‍ित की जा रही है. इसी कड़ी में चंद्रनगर के किसानों की जमीन का भी अधिग्रहण किया गया है. इसमें दिलहरण पटेल की जमीन भी शामिल है. उसी ने ये आत्मघाती कदम उठाया है.

पीड़ित के बेटे ने लगाए गंभीर आरोप
दिलहरण के बेटे मुकेश ने पूरी बात बताई. कहा कि सबसे पहले एसईसीएल ने उनके घर का सर्वे किया था. फिर उसे खदान के लिए अधिग्रहित कर लिया गया. बदले में जमीन का मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही गई थी. प्रबंधन के बताए अनुसार उन्होंने मांगे गए सभी दस्तावेज जमा कर दिए. इसके बाद भी मुआवजा और नौकरी के लिए अफसर बार-बार घुमा रहे हैं. कहा जाता है कि मुख्यालय से आदेश नहीं आया है. इसी तरह से कई अन्य बहाने बनाए जाते हैं. कुल मिलाकर नौकरी पर रखने से टाला जा रहा है. इससे वे परेशान हो गए और ये कदम उठाया.

कई और पीड़ित परेशान
मुकेश ने बताया कि अन्य जगहों में भी ऐसे मामले होंगे, लेकिन उनके घर के अलावा भी कई लोगों की जमीन यहां ली गई है. उन्हें भी इसी तरह से परेशान किया जा रहा है. किसी की सुनवाई नहीं हो रही है. वे भी इसी तरह का कदम उठाने की चेतावनी प्रबंधन के अफसरों को दे चुके हैं, लेकिन वे अब भी बेसुध बने हुए हैं. बता दें कि मुकेश के पिता दिलहरण पटेल का इलाज अभी इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय कोरबा में चल रहा है.

admin

Newsbaji

Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft