छत्तीसगढ़. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पे चर्चा के दौरान 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों से बात की। कार्यक्रम नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया गया। पीएम करीब 1 हजार छात्रों से सीधी बात की। चर्चा में पीएम ने छात्रों के कई सवालों के जवाब दिए। इसमें कई तरह के सवाल शामिल रहे, जैसे एग्जाम के कारण तनाव, मोटिवेशन के लिए क्या करें, माता-पिता के सपनों के बारे में कैसे समझाएं। छात्र-छात्राओं के अभिभावक और टीचर्स भी कार्यक्रम में शामिल हुए। परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एकलव्य विद्यालय छुरी कला के छात्र-छात्राए जुड़े। सभी ने पीएम मोदी के द्वारा बताए गए टिप्स को आत्मसात किया।
परीक्षा को बना दे त्योहार-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि परीक्षा की टेंशन नहीं होनी चाहिए। परीक्षा को त्योहार बना दें तो उसमें रंग भर जाएंगे। पीएम ने परीक्षा से डर के सवाल के जवाब में कहा कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। यह छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इनसें डरना नहीं चाहिए। आप पहले भी परीक्षा दे चुके हैं। ऐसे अनुभवों को अपनी ताकत बनाएं जो करते आए हैं, उसमें विश्वास करें।
पढ़ाई में दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन नहीं-मन को डुबोना होगा
पीएम से दूसरा सवाल सोशल मीडिया की एडिक्शन के बारे में पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं या रील देखते हैं? दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है। क्लास में भी कई बार आपका शरीर क्लास में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा। अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बच्चों के सपनों को समझना होगा-पीएम मोदी
पीएम ने मां-बाप को बच्चों की सिचुएशन समझने के सवाल के जवाब में कहा कि मां-बाप जो अपने जीवन में करना चाहते थे, उसे बच्चों पर लागू करना चाहते हैं। माता-पिता आज के दौर में अपनी महत्वाकांक्षा और सपने को बच्चों पर थोपने की कोशिश करते हैं। दूसरी बात टीचर भी अपने स्कूल का उदाहरण देकर उस पर दबाव बनाते हैं। हम बच्चों के स्किल को समझने की कोशिश नहीं करते हैं। पीएम ने कहा कि पुराने जमाने में शिक्षक का परिवार से संपर्क रहता था। परिवार अपने बच्चों के लिए क्या सोचते हैं उससे शिक्षक परिचित होते थे। शिक्षक क्या करते हैं, उससे परिजन परिचित होते थे।
पीएम ने कहा कि खुद की परीक्षा लें, मेरी किताब एग्जाम वॉरियर्स में लिखा है कि कभी एग्जाम को ही एक चिट्ठी लिख दो- हे डियर एग्जाम मैं इतना सीख कर आया हूं। इतनी तैयारी की है तुम कौन होते हो मेरा मुकाबला करने वाले। मैं तुम्हें नीचे गिराकर दिखा दूंगा। रीप्ले करने की आदत बनाइए। एक दूसरे को सिखाइए।
साल 2018 से कार्यक्रम की हुई थी शुरूआत
परीक्षा पर चर्चा पहली बार 16 फरवरी 2018 को आयोजित किया गया था। तब से लेकर अब तक उन बच्चों को इस कार्यक्रम का खास इंतजार रहता है, जिनकी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा होती है। हर साल की तरह इस साल भी पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के उन सारे बच्चों से भी जुड़ेंगे, जो बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम का मकसद देशभर के उन सभी छात्रों का हौंसला बढ़ाना है, जो बोर्ड या किसी कंपटीशन की तैयारी कर रहे होते हैं।
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