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ओडिशा से मजदूरी करने आई थीं महिलाएं, पिकअप पलटने से 3 की मौत, 13 की हालत गंभीर

 Newsbaji  |  Nov 10, 2024 11:21 AM  | 
Last Updated : Nov 10, 2024 11:21 AM
पिकअप पलटने से तीन महिलाओं की मौत हो गई.
पिकअप पलटने से तीन महिलाओं की मौत हो गई.

जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के बकावंड थाना क्षेत्र में राजनगर-बस्तर मुख्यमार्ग पर भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें सीमावर्ती ओडिशा के तीन महिला मजदूरों की मौत हो गई, और 13 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. दुर्घटना राजनगर के निकट एक पुलिया के पास हुई, जहां पिकअप और एक अज्ञात वाहन की आमने-सामने की टक्कर हो गई. घायलों को प्रारंभिक उपचार के लिए सीएचसी बकावंड लाया गया, लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी को जिला अस्पताल जगदलपुर रेफर कर दिया गया.

मृतकों और घायलों में सभी महिलाएं ओडिशा के नबरंगपुर जिले के कोटियारिगुड़ा गांव की मजदूर थीं, जो रोजाना काम के लिए छत्तीसगढ़ के पंडानार गांव में स्थित एक कृषि फार्म पर जाती थीं. शाम लगभग 5:40 पर छुट्टी के बाद पिकअप में वापस अपने गांव लौट रही थीं कि रास्ते में अज्ञात वाहन की टक्कर हो गई. पिकअप चालक शत्रुघ्न ने बताया कि सामने से आ रही गाड़ी की तेज हेडलाइट के कारण उसकी आँखें चौंधिया गईं, जिससे वह वाहन की दिशा समझ नहीं सका. टक्कर के बाद अज्ञात वाहन मौके से फरार हो गया, जबकि पिकअप में चीख-पुकार मच गई.

3 मजदूरों की मौके पर मौत
इस दुर्घटना में सिरहागुड़ा की तीन महिलाओं, पुरनी भतरा (60), दयावती (38), और नंदाय (56) की अस्पताल पहुँचने से पहले ही मौत हो गई. वहीं अन्य तेरह महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है. घायलों में बिमला, मालती, नंदनी, पासपरई, थवीरवती, उषा हरिजन, पदमा, बालमती, गुप्तेश्वरी, तुलसी, झरना, तुलावती और सोनामनी शामिल हैं. पुलिस द्वारा दुर्घटना की जानकारी मिलते ही सभी घायलों को तुरंत सीएचसी बकावंड में प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया.

इमरजेंसी सेवाओं की दिखी कमी
इस गंभीर दुर्घटना के बाद सीएचसी बकावंड में अफरातफरी का माहौल बन गया, लेकिन अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं की कमी से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बीएमओ से संपर्क करने पर उन्होंने अवकाश का हवाला देकर अपनी अनुपस्थिति जताई, जबकि एक अन्य चिकित्सक ने ड्यूटी में न होने का कारण बताते हुए अस्पताल आने से इनकार कर दिया.

इस विकट स्थिति में बीएचएमएस डॉक्टर पीताम्बर साहू ने तीन नर्सों और अटेंडरों के साथ मिलकर घायलों का प्राथमिक उपचार किया. अस्पताल के पास पर्याप्त संसाधन न होने के कारण सभी घायलों को जिला मुख्यालय ले जाने में समय लग गया. 108 एंबुलेंस और अस्पताल वाहन में डीजल की कमी होने पर थानेदार छत्रपाल सिंह ने डीजल की व्यवस्था की और अतिरिक्त एम्बुलेंस की मांग की गई.

स्थानीय लोगों के सहयोग से बची जान
इस भीषण हादसे की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग अस्पताल पहुँच गए. यंग स्टार क्लब के सदस्य, जिनमें वरिष्ठ रियाज खान, इब्ने हसन, माधव मिश्र, मोना पाढ़ी, जितेंद्र पाणिग्रही, देवराज नेताम और सुधांशु यादव शामिल थे, ने अस्पताल कर्मियों की सहायता की और घायल मरीजों की देखभाल में जुट गए. इन सभी ने अंतिम घायल मरीज के रेफर होने तक अस्पताल में डटे रहे. स्थानीय लोगों की इस मदद ने घायलों को समय पर राहत पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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