रायपुर। प्रदेश के स्कूलों में ही अब विद्यार्थियों को स्थायी जाति प्रमाणपत्र बनेगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि, अब जाति प्रमाणपत्र किसी समय-सीमा के लिए रोका नहीं जाएगा। मतलब साफ है कि एक बार बना जाति प्रमाणपत्र पूरी उम्र काम देगा।
बड़ी राहत
बता दे कि, छत्तीसगढ़ के स्कूलों-कॉलेजों में दाखिला और छात्रवृत्ति आदि के लिए अस्थायी जाति प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था थी। इसकी मान्यता जारी होने से 06 महीने तक थी। उसके बाद इसकी मियाद खत्म हो जाती थी। अब सरकार ने इसकी व्यवस्था बदल दी है। राज्य सरकार ने छात्रों के हित में यह निर्णय लिया है कि विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के स्थान पर एक ही बार जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। छात्रों को जारी जाति प्रमाण पत्र स्थायी अभिलेख की तरह होगा।
जारी किए गए निर्देश
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि स्थाई सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र (जाति प्रमाण पत्र) की मान्यता समय साथ खत्म नहीं होगी। यानि कि, यह सर्वदा के लिए होगा। यह एक तरह से स्थायी अभिलेख है। बार-बार जाति प्रमाण जारी किए जाने की आवश्यकता नहीं है। जाति प्रमाण पत्र खो जाने की स्थिति में प्राधिकृत अधिकारी इसका नकली प्रमाण पत्र भी जारी कर सकेंगा।
स्कूलों में शिविर लगाकर बनेंगे जाति प्रमाणपत्र
कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी शासकीय व निजी स्कूलों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों के जाति एवं निवास प्रमाण पत्र वहीं बनाएं जाएं। उसके लिए स्कूलों में हर साल शिविर लगाकर रिकॉर्ड बना लिया जाए और प्रमाणपत्र बनाकर वितरित किया जाए। स्कूलों में लंबित जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र आगामी शैक्षणिक सत्र तक जारी किए जाएं।
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