कोरबा. स्कूल यानी शिक्षा का मंदिर जहां शिक्षक बच्चों को ज्ञान देते हैं और सिखाते हैं. लेकिन, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में शिक्षक नहीं, बल्कि वहां के प्यून ने समाज को बहुत बड़ी सीख दी है कि हम चाहें तो छात्रों के भविष्य के लिए या उनकी सुविधा के लिए अपनी ओर से भी खर्च कर सकते हैं. उनके दान से विशेषकर छात्राओं को बड़ी सुविधा मिल गई है.
मामला जिले के मिडिल स्कूल रंगोले पाली का है. स्कूल परिसर में हैंडपंप तो लगा है और पंप भी है, लेकिन टॉयलेट में पानी की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में छात्राओं को उसका उपयोग करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. यह परेशानी देखकर यहां पदस्थ प्यून रविशंकर यादव ने संकल्प लिया कि वे अपने खर्च से यहां पानी की व्यवस्था कराएंगे.
ये कराई व्यवस्था
रविशंकर ने अपने खर्च से न सिर्फ पानी टंकी खरीदी, बल्कि पाइपलाइन और नल लगवाकर उसकी फिटिंग भी कराई. इसके मैकेनिक खर्च और अन्य जरूरी सामान की भी खुद खरीदी की. आखिरकार स्कूल के टॉयलेट में पानी और नल की सुविधा अकेले उनके दम पर हो गई है. इससे छात्राओं के साथ ही छात्रों और टीचर्स स्टाफ को भी बड़ी सहुलियत मिल गई है.
ये आया खर्च
इस पूरे काम में कुल 14 हजार 500 रुपये का खर्च आया है. इसे अपने वेतन के पैसे से स्वयं रविशंकर ने वहन किया है. यही नहीं, पानी की सुविधा मिलने से स्कूल परिसर में लगे किचन गार्डन को सीधे पानी डालने की सुविधा भी मिल गई है. इससे यहां सब्जियां भी कम मेहनत में आसानी से उगाई जा सकेंगी.
लोग कह रहे ये बात
लोग भी रविशंकर के इस काम की जमकर तारीफ कर रहे हैं. उनका कहना है कि छोटे से पद पर रहकर और सीमित वेतन पर इतनी बड़ी बात सोचना बहुत बड़ी बात है. उच्च पदों पर रहकर भी अपनी जेब से जिनके सौ रुपये भी नहीं निकलते उनके लिए प्यून रविशंकर यादव की की ये पहल उनके लिए और समाज के लिए बहुत बड़ा मैसेज है.
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