दुर्ग-भिलाई/बेमेतरा। पारले-जी का नाम आते ही आपके दिमाग में इसके बिस्किट का ख्याल आ जाता होगा और इसे चाय के साथ डुबोकर खाने वाले लोग कई होगे। लेकिन अगर आप या आपका बच्चा किस्मी टॉफी खाने के शौकीन है तो यह खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है।
जानकारी के अनुसार, एक निजी कंपनी पारले बिस्किट इंदौर व मुंबई द्वारा अमानक खाद्य पदार्थों का उत्पादन, वितरण व विक्रय करने के कारण अपर कलेक्टर बेमेतरा अनिल कुमार बाजपेयी द्वारा खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम के तहत 6 लाख 40 हजार रुपए अर्थदण्ड लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन बेमेतरा द्वारा आरोपी नरेन्द्र देवांगन, फर्म महाजन किराना स्टोर्स बेरला के दुकान का निरीक्षण किया गया। इसी दुकान से पारले बिस्किट कंपनी द्वारा उत्पादित पारले किस्मी असोर्टेड टॉफी दुकानदार द्वारा बेचा जा रहा था। टॉफी का सैंपल लेकर खाद्य पदार्थ का खाद्य विश्लेषक, इंदौर से परीक्षण कराया गया। परीक्षण में उक्त खाद्य पदार्थ को अवमानक पायी गई।
एडीएम न्यायालय में सुनवाई बाद आरोपियों को अमानक खाद्य पदार्थ के उत्पादन, वितरण एवं विक्रय को दोषी मानते हुए 6 लाख 40 हजार का जुर्माना अधिरोपित कर 15 दिवस के भीतर जुर्माने की राशि न्यायालय में जमा करने का निर्देश दिए है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आरोपियों द्वारा जुर्माना राशि समय पर जमा न करने पर भू-राजस्व बकाया के भांति वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
ADM अनिल कुमार बाजपेयी ने अपने निर्णय में लिखा है कि पारले-जी बिस्किट एक प्रतिष्ठित व्यावसायिक कंपनी व माना हुआ ब्राण्ड है। ऐसी कंपनी से अमानक खाद्य पदार्थ के उत्पादन की अपेक्षा नहीं की जा सकती और कंपनी यह काम जन स्वास्थ्य-सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
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