Friday ,October 18, 2024
होमछत्तीसगढ़बच्चा गायब तो पुलिस खोजने में नहीं कर सकेगी हीला-हवाली, हाईकोर्ट पल-पल पर रखेगा नजर, जानें कैसे होगा संभव...

बच्चा गायब तो पुलिस खोजने में नहीं कर सकेगी हीला-हवाली, हाईकोर्ट पल-पल पर रखेगा नजर, जानें कैसे होगा संभव

 Newsbaji  |  Apr 08, 2023 01:39 PM  | 
Last Updated : Apr 08, 2023 01:39 PM
पैरालीगल वालंटियर की मदद से बचेगा बचपन.
पैरालीगल वालंटियर की मदद से बचेगा बचपन.

बिलासपुर. दिनभर में सैकड़ों काम निपटाने वाली पुलिस के पास यदि किसी बच्चे के मामले में शिकायत आए या बच्चे के गायब होने की सूचना मिले तो उसे वह रूटीन में ले लेती है. टालमटोल किया जाता है. लेकिन, अब पुलिस ऐसा नहीं कर सकेगी. दरअसल, अब हाईकोर्ट बच्चों के मामले में पुलिस की एक-एक गतिविधि पर पल-पल नजर रखेगा. ऐसे में बच्चों के मामले में त्वरित न्याय होगा और गायब होने वाले बच्चों को भी जल्द से जल्द खोजकर उनका बचपन बचाया जा सकेगा.

यह संभव होने जा रहा है पैरालीगल वालंटियर की मदद से. जी हां, पूरे देश में यह नियम लागू कर दिया गया है जिसका क्रेडिट भी छत्तीसगढ़ को जाता है, क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सुझाव पर इसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए ऐसा आदेश जारी किया है.

हाईकोर्ट ऐसे रखेगा नजर
अब देशभर के सभी थानों में एक-एक पैरालीगल वालंटियर की नियुक्ति की जाएगी. यदि किसी थाने में गुम बच्चे का मामला सामने आया तो वह वालंटियर सक्रिय हो जाएगा और इसकी जानकारी विधिक सेवा प्राधिकरण को तत्काल इसकी जानकारी वाट्सएप के माध्यम से दे देगा. प्राधिकरण से हाईकोर्ट सीधे जुड़े होते हैं. इससे प्राधिकरण के अफसरों व हाईकोर्ट को न सिर्फ सीधी जानकारी मिलेगी बल्कि बच्चे की खोज में जुटी पुलिस की हर कवायद के पल-पल की जानकारी भी मिलते रहेगी, जब तक कि बच्चे बरामद नहीं कर लिए जाते या उन्हें राहत नहीं मिल जाती. यानी पुलिस भी गंभीरता से काम करेगी.

इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने किया लागू
वर्ष 2022 में सुप्रीम कोर्ट में एक स्वयंसेवी संस्था ने बचपन बचाओ रिट याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से सुझाव मांगा था कि बच्चों के मामले में पुलिस व कोर्ट द्वारा कैसे त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो और उनका बचपन बर्बाद होने से बच सके. इस पर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने पैरालीगल वालंटियर नियुक्त करने का सुझाव दिया. सुप्रीम कोर्ट को ये सुझाव पसंद आया और फिर इसे देशभर के हाई कोर्ट को इस पर अमल करने का निर्देश दे दिया. अब सभी हाईकोर्ट ने अपने विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से वालंटियर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

20 जिलों में नियुक्त
बता दें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देश के बाद प्राधिकरण ने प्रदेश के सभी 477 थानों में वालंटियर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं 20 जिलों में नियुक्ति भी हो चुकी है. अन्य जिलाें में भी कवायद की जा रही है. वालंटियर नियुक्ति के लिए जो योग्यता तय की गई है, उसके मुताबिक उसे स्मार्टफोन व कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए. आठ घंटे की उन्हें ड्यूटी करनी होगी और प्रतिदिन के 500 यानी महीने के 15000 रुपये का मानदेय उन्हें मिलेगा.

admin

Newsbaji

Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft