जगदलपुर. छत्तीसगढ़ में पिछले दो सालों में पैंगोलिन की तस्करी के मामले बढ़े है। हालांकि वन विभाग अवैध तस्करी करने वालो पर कार्रवाई तो कर रहा है, लेकिन तस्करों के हौसलें बुलंद है। बस्तर में पैंगोलिन की तस्करी करने की फिराक में ओड़िसा नंबर प्लेट की बाइक से घूम रहे तीन आरोपियों को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया। उनके पास से बोरे में बंद एक जीवित पैंगोलिन को बरामद किया है। आरोपी लखेश्वर (24), धिनू (40) और गुरबारू को गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है और पूछताछ में अन्य मामलों के खुलासे होने की संभावना है।
अब तक तस्करों पर हुई कार्रवाई का विवरण
पैंगोलिन की सबसे ज्यादा तस्करी
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के मुताबिक, दुनियाभर में वन्य जीवों की अवैध तस्करी के मामले में अकेले 20 फीसदी योगदान पैंगोलिन का है। यह एक ऐसा जानवर है, जिसकी तस्करी पूरी दुनिया में सबसे अधिक हो रही है। खासतौर पर चीन में इस जानवर का अधिक डिमांड है। क्योंकि इसके खाल और मांस से पारंपरिक दवाईयां बनाई जा रही हैं।
जानकारी के मुताबिक, पैंगोलिन शर्मीले प्रवृति का जीव है, जो धरती पर लगभग 60 मिलियन सालों से पाए जाते हैं। ये जीव चींटियां खाकर गुजारा करते हैं। शरीर पर कड़ी और सुनहरी-भूरी स्केल्स वाले इन जीवों का मांस भी खूब शौक से खाया जाता है। एक किलो पैंगोलिन के मांस की कीमत करीब 27,000 रुपए तक होती है। वेट मार्केट में दूसरे कम कीमत के सस्ते जीवों के साथ पैंगोलिन नहीं बिकता, बल्कि महंगे रेस्त्रां ही इसे बेचते या पकाते हैं।
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