बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में इन दिनों प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों में पदस्थ पंचायत सचिव नियमितीकरण की मांग को लेकर बीते 16 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. पंचायतों में कामकाज पूरी तरह ठप हैं. लगातार नोटिस और चेतावनी के बाद भी हड़ताल समाप्त नहीं किया जा रहा है. इस बीच बिलासपुर जिले में जिला पंचायत ने अनोखा फैसला किया है. अब अफसरों को पंचायत सचिव नियुक्त किया जा रहा है, जो वहां पदस्थ सचिवों की जगह पंचायत का कामकाज संभालेंगे.
बता दें कि नियुक्त होने वाले अफसर प्रभार पर रहेंगे और एक अफसर कोई एक से ज्यादा गांवों की जिम्मेदारी दी जाएगी. वहीं फाइलें देखने, आगे बढ़ाने, विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन या उन्हें शुरू कराने, जनपदों को रिपोर्ट देने जैसे काम वे करेंगे. इससे ग्रामीणों को काफी हद तक राहत मिलेगी.
दरअसल, महीने भर से भी ज्यादा समय से आंदोलनरत पंचायत सचिवों के कामकाज बंद करने से इन पंचायतों का कामकाज ठप हो गया है. इसका नुकसान सीधे तौर पर ग्रामीणों को हुआ है और विकास के कार्य भी ठप हो चुके हैं. रूटीन कामों पर भी असर हुआ है. अब अफसरों को जिम्मेदारी मिलने के बाद व्यवस्था पटरी पर बैठने की उम्मीद की जा रही है.
ये अफसर निभाएंगे जिम्मेदारी
जिन अफसरों को पंचायत सचिव का प्रभार दिया जा रहा है वे जनपद कार्यालयों में पदस्थ हैं. इसमें विकास अधिकारी, सहायक विकास विस्तार अधिकारी, वरिष्ठ आंतरिक लेखा परीक्षक, सहायक आंतरिक लेखा परीक्षक व करारोपण अधिकारी शामिल हैं. ये जिले के 483 ग्राम पंचायतों में सचिव का कामकाज देखेंगे. हालांकि जनपद स्तर पर जिम्मेदारी मिलने से उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत ज्यादा दबाव तो उन पर नहीं रहेगा, लेकिन ये किसी चुनौती से भी कम नहीं होगा.
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