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नशे के खिलाफ राज्य सरकार का हथौड़ा, पान मसाला और तंबाकू के विज्ञापनों पर लगी रोक, होर्डिंग्स हटाने के आदेश

 Newsbaji  |  Aug 13, 2022 10:09 AM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:19 AM

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने सिगरेट, तंबाकू, गुटखा जैसी नशे की सामग्रियों के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को नशे का प्रचार-प्रसार करने वाले विज्ञापनों की होर्डिंग्स हटाने के निर्देश जारी कर दिए गए है। नगरीय प्रशासन संचालनालय द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 का कड़ाई से पालन करने एवं इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है।

जानकारी के मुताबिक, सभी निगम आयुक्तों, नगर पालिका के सीएमओ और नगर पंचायत के सीईओ को जारी पत्र में कहा गया है कि तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने एवं कोटपा 2003 के प्रावधानों का पालन करने के लिए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन सभी जिलों में होना है।

दरअसल, देश के युवाओं को तंबाकू सेवन से बचाने के लिए 2003 में सदन में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद विज्ञापन पर रोक तथा व्यापार एवं वाणिज्य उत्पादों से संबंधित अधिनियम कोटपा लागू किया गया है। यह एक राष्ट्रीय कानून है और देश के सभी राज्यों को इसका पालन करना है।

हर साल 12 लाख से ज्यादा मौतें
जानकारी के अनुसार, तंबाकू से होने वाली बीमारियों से हर साल 12 लाख से अधिक लोगों की मौत हो रही है। इसी तरह एक सर्वेक्षण के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 39 प्रतिशत से ज्यादा लोग किसी न किसी प्रकार से तंबाकू का सेवन कर रहे हैं जो उनके स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रहा है।

सार्वजनिक स्थलों पर धुआं उड़ाने की प्रतिबंधित
सार्वजनिक स्थलों, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय, शिक्षण, स्वास्थ्य संस्थानों, सिनेमा हॉल, पंचायत भवन और चौक-चौराहों पर सिगरेट पीते पाए जाने पर अर्थदंड लिया जाएगा। इसी तरह तंबाकू बिक्री के स्थान पर नाबालिकों को तंबाकू बेचना दंडनीय अपराध है का बोर्ड भी लगाना अनिवार्य होगा।

जानिए क्या है कोटपा एक्ट
- धारा 4- सार्वजनिक स्थल में ध्रूमपान पर प्रतिबंध
- धारा 5- सिगरेट, अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध
- धारा 6- नाबालिगों और शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास सिगरेट या तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध।

सजा का प्रावधान
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर प्रतिव्यक्ति 200 रुपए जुर्माना होगा। स्वामी, प्रबंधक या अधिकृत अधिकारी के लिए- सार्वजनिक स्थलों में अपराधों की संख्या के बराबर जुर्माना 2-5 साल की सजा या फिर 1-5 हजार रुपए तक का जुर्माना देना होगा। बिक्री- खुदरा बिक्री पर 1 से 2 साल की सजा और 1 से 3 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

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