चिरमिरी. मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल के भाई विनोद जायसवाल के क्रशर में पिसकर ऑपरेटर की मौत हो गई. घटना को 4 दिन हो गए और पुलिस अब तक मर्ग कायम कर बैठ गई है. अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. इससे पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगी है. जबकि कोर्ट की ओर से कहा जाता रहा है कि लापरवाही से जुड़े किसी भी मामले में एफआईआर प्राथमिकता से दर्ज की जानी है. जबकि यहां मामला मौत से जुड़ा है. पुलिस अफसर भी एफआईआर को प्राथमिकता देने का दावा करते रहे हैं. लेकिन, यहां मामला उलट है.
बता दें कि विधायक डॉ. विनय के भाई विनोद जायसवाल के नाम पर जिले के ब्लॉक मुख्यालय खड़गंवा में क्रशर संचालित होता है. उसमें क्रशर ऑपरेटर के रूप में राजू उर्फ आनंद सिंह पिता स्व. देवी प्रसाद (30 वर्ष) निवासी नागपानी काम करता था. घटना बीते रविवार को शाम 4 से 5 बजे के बीच की है. दरअसल, क्रशर चलाते समय उसमें एक पत्थर फंस गया था. इसी बीच अचानक बिजली गुल हो गई.
राजू फंसे हुए पत्थर को निकालने की कोशिश कर रहा था. इसी दौरान बिजली आ गई और क्रशर चालू हो गया. वह क्रशर मशीन के बेल्ट में फंसकर सीधे जॉब प्लेट में चला गया और उसका बॉडी पूरी तरह पिस गया. मौके पर ही उसकी मौत हो गई. खड़गंवा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम कराया. वहीं मर्ग जांच के बहाने मामले को दबाए बैठी है.
लापरवाही से मौत, फिर भी अनदेखी
बिजली बंद होने के बाद भी क्रशर को बंद नहीं किया गया था. अचानक बिजली आई और मशीन चालू हो गई. इस दौरान पत्थर निकालते हुए ऑपरेटर की मौत हुई है. यानी मामला पूरी तरह लापरवाही का है. इस मामले की जानकारी पुलिस कर्मचारियों से लेकर अफसरों को भी है. इसके बाद भी महज मर्ग जांच का बहाना बनाया जा रहा है. जबकि सीधे तौर पर कम से कम धारा 304 के तहत मामला दर्ज होना था. अब इसे लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया जा रहा है.
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