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CSVTU की मनमानी के खिलाफ छात्रों का हल्ला बोल, 3 घंटे की नारेबाजी, जानें मामला

 Newsbaji  |  Mar 23, 2022 09:17 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

रायपुर/भिलाई. छत्तीसगढ़ में संचालित एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय CSVTU के खिलाफ छात्रों व छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। जहां एक तरफ NSUI ने कुलपति का घेराव किया तो वहीं ABVP व भारतीय जनता युवा मोर्चा ने प्रबंधन को ज्ञापन सौंपकर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है। छात्र-छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ाए जाने एवं नामांकन शुल्क पहले की तुलना में 1500 गुना ज्यादा लिए जाने का विरोध शुरु हो गया है।

विरोध प्रदर्शन
स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी (CSVTU) का छात्र संगठनों ने घेराव कर प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा है। NSUI के द्वारा विश्वविद्यालय का घेराव किया गया। NSUI के पदाधिकारियों ने बताया है कि छात्रों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उनकी 5 मांगों में से 3 को मांगों को मान लिया है। जिसमें परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 24 मार्च से बढ़ाकर 31 मार्च तक करने का आश्वासन दिया है। साथ ही अन्य मांगों पर विचार करने की बात कही है। जिसके बाद छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने प्रशासन को तीन का समय दिया है और अगर समय से उनकी मांगों को नहीं माना गया तो, NSUI बड़ी संख्या में छात्रों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय का घेराव व उग्र प्रदर्शन करेगी। प्रदर्शन में शामिल हुए NSUI के प्रदेश महासचिव फराज अहमद, संदीप साव, पूर्व प्रदेश महासचिव आकाश कनोजिया समेत अन्य पदाधिकारी रहे।

NSUI ने विश्वविद्यालय में कुलपति का घेराव किया।


वहीं दूसरी तरफ ABVP व भारतीय जनता युवा मोर्चा ने भी इसी मुद्दा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को मिलकर ज्ञापन सौपा है। और प्रशासन को चेतावनी भी दी है कि अगर 12 घंटों के भीतर आदेश वापस नहीं लिया जाता है तो बड़ी संख्या में छात्र विश्वविद्यालय में उग्र प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान प्रदेश सह प्रभारी(सोशल मीडिया) रोहन सिंह और भारतीय जनता युवा मोर्चा के पी.आर.टी प्रदेश सह प्रभारी राहुल परिहार, विक्रम सिंह अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

ABVP के छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा है।

यह है पूरा मामला
बता दे कि, विश्वविद्यालय के कॉलेजों को जारी एक नोटिस ने छात्रों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य सरकार द्वारा दुर्ग जिले के भिलाई में संचालित इस यूनिविर्सिटी द्वारा छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया गया है। पहले नामांकन शुल्क के रूप में अनिवार्य रूप से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से 12वीं बोर्ड की परीक्षा पास करने वाले छात्रों से 100 रुपए और सीबीएसई सहित अन्य बोर्ड से 12वीं पास करने वाले छात्रों से प्रति छात्र 600 रुपए नामांकन शुल्क लिया जाता था। जिसे सत्र 2021-22 में छत्तीसगढ़ बोर्ड से पास विद्यार्थियों के लिए 1500 गुना बढ़ाकर 1500 रुपए और अन्य बोर्ड वालों के लिए 2000 हजार रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य मद में भी छात्रों से पैसों की वसूली करने का नोटिस जारी किया गया है।


दरअसल, सीएसवीटीयू ने 16 मार्च 2022 को संबंधित कॉलेजों को रिमाइंडर नोटिस जारी किया है। इसमें विश्वविद्यालय विकास शुल्क प्रतिवर्ष 500 रुपए प्रति छात्र, विद्यार्थी विकास शुल्क 1 रुपए प्रतिवर्ष, ई लाइब्रेरी, सेन्ट्रल लाइब्रेरी व ई लर्निंग फीस एकबार 2000 रुपए व ट्रेनिंग व प्लेसमेंट फीस 125 रुपए प्रति वर्ष यानि की सत्र 2021-22 में 2626 रुपए प्रति छात्र जमा करवाने के निर्देश कॉलेजों को दिए गए हैं। यह फीस नामांकन शुल्क के अतिरिक्त है। इसी नोटिस में लिखा गया है कि यदि 23 मार्च 2022 तक उक्त शुल्क जमा नहीं हुए तो छात्रों का नामांकन व परीक्षा परीक्षा रोल नंबर जारी नहीं किए जाएंगे। साथ ही एग्जाम पोर्टल पर आवेदन के लिए उनका नाम प्रदर्शित नहीं होगा। अब इसी का विरोध होना शुरु हो गया है।


जबरिया वसूली और धमकी
लंबे समय तक कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई के दुर्ग जिला अध्यक्ष व वर्तमान में नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर परिषद के शिक्षा, खेल व युवा कल्याण विभाग के प्रभारी आदित्य सिंह ने कहा कि सीएसवीटीयू द्वारा जारी पत्र को सरल भाषा में समझें तो छात्रों को खुली धमकी दी गई है। यदि छात्र फीस नहीं जमा करेंगे तो उन्हें नामांकन नंबर व रोल नंबर जारी नहीं किया जाएगा। चूंकि विश्वविद्यालय नामांकन व परीक्षा शुल्क अलग से वसूल रहा है तो फिर दूसरे मद के शुल्क के लिए नामांकन व परीक्षा रोल नंबर रोकने की धमकी कैसे दी जा सकती है। विश्वविद्यालय के इस रवैये के खिलाफ विरोध में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही राज्य सरकार से भी पूरे मामले की शिकायत की जाएगी।


वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला पदाधिकारी व दुर्ग एबीवीपी के पूर्व छात्र नेता रोहन सिंह व सौरभ जायसवाल का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित यूनविर्सिटी का व्यवहार उन निजी कॉलेजों जैसा हो गया है। जिनका ध्यान सिर्फ पैसे कमाने के तरीकों पर रहता है। विश्वविद्यालय किसी छात्र को उसकी अपनी लाइब्रेरी की सदस्यता व उन्हीं की एजेंसी से ट्रेनिंग व प्लेसमेंट लेने के लिए दबाव कैसे बना सकता है। यह छात्र की अपनी मर्जी होनी चाहिए कि वो कौन सी किताब पढ़ेगा और किस लाइब्रेरी की सदस्यता लेगा। यदि विश्वविद्यालय छात्रहित चाहता तो उसे नि:शुल्क यह सुविधा छात्रों को उपलब्ध करानी चाहिए। लेकिन विश्वद्यालय इससे अलग छात्रों से जबरियां वसूली कर रहा है।


विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा- धमकी नहीं अधिसूचना
सीएसवीटीयू के कुलसचिव के.के वर्मा का कहना है कि विश्वविद्यालय ने राजभवन से अनुमोदन लेकर अधिसूचना जारी की है। यह सब छात्रहित में ही किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने किसी तरह की धमकी छात्रों को नहीं दी है। यदि इसपर कोई आपत्ति आती है तो आगे विचार किया जाएगा। बता दें कि विश्वविद्यालय के इस निर्णय के विरोध में शासकीय पॉलीटेक्निक महासमुंद के छात्रों ने बीते मंगलवार को विरोध प्रदर्शन कर चुका है।

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