बिलासपुर. छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान यानी बिलासपुर में संचालित सिम्स को बड़ा झटका लगा है. नेशनल मेडिकल कमीशन यानी एनएमसी ने एमबीबीएस की सीटों के मुकाबले फैकल्टी और रिसोर्स की कमी के चलते 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
यही नहीं, चेतावनी भी दी गई है कि समय रहते प्रोफेसर्स व अन्य स्टाफ समेत जरूरी संसाधन नहीं जुटाए गए तो एमबीबीएस की सीटें कम कर दी जाएंगी. इसके साथ ही अब सिम्स प्रबंधन ने रिव्यू करना शुरू कर दिया है.
बता दें कि सिम्स संभाग का सबसे बड़ा सरकार अस्पताल व मेडिकल कॉलेज है. यहां की व्यवस्थाओं पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. अस्पताल का हाल चाहे जैसा हो, कॉलेज की व्यवस्था पहले से बेहतर होने के चलते एमबीबीएस के साथ ही पीजी की सीटें भी बढ़ती रही हैं.
वहीं पिछले एक-दो सालों में इसमें गिरावट भी आई है. इसके पीछे वजह सीटें बढ़ने के बाद भी जरूरी संसाधन नहीं बढ़ाए गए. टीचर्स की भी कमी बनी हुई है. यही वजह है कि देशभर के सभी मेडिकल कालेजों पर ऑनलाइन नजर रखने वाली संस्था नेशनल मेडिकल कमीशन ने ये सख्ती बरती है.
एनएमसी कॉलेजों को समय-समय पर कमियां दूर करने को लेकर दिशा-निर्देश देता है. इसी कड़ी में पिछले दिनों वर्चुअल बैठक ली गई थी. इसमें सिम्स समेत प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों के डीन और प्रोफेसर शामिल थे. तब रिव्यू के दौरान सिम्स में फैकल्टी की गिनती की गई. इसमें यहां काफी कमियां पाई गईं. पर्याप्त संख्या में न तो डॉक्टर हैं, न प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर. इससे यहां पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है.
कमी इतनी कि कर्मचारियों के साथ ही 20 प्रतिशत फैकल्टी, 43 प्रतिशत जूनियर और सीनियर रेसीडेंट की कमी बनी हुई है. वहीं जांच की जरूरी मशीनों की संख्या भी नाकाफी है. इन सबको देखते हुए ही एनएमसी ने इस तरह की सख्ती बरतते हुए प्रबंधन को चेतावनी जारी की है.
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