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नीति आयोग की मीटिंग में सीएम भूपेश ने कहा- राज्य की फैक्ट्रियों को न पर्याप्त कोयला मिल रहा न आयरन ओर

 Newsbaji  |  May 27, 2023 06:25 PM  | 
Last Updated : May 27, 2023 06:25 PM
नीति आयोग की बैठक में सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश के कई मुद्दे रखे.
नीति आयोग की बैठक में सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश के कई मुद्दे रखे.

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंंत्री भूपेश बघेल भी देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ शनिवार को नई द‍िल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए. इसमें उन्होंने राज्य की फैक्ट्रियों को एनएमडीसी से पर्याप्त आयरन ओर और एसईसीएल से कोयला नहीं मिलने का मुद्दा उठाया.

जीएसटी से राज्यों को राजस्व हानि, भरपाई की कराएं व्यवस्था
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की इस बैठक में सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से की दो हजार 659 करोड़ रुपये को जल्द उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. इस दौरान उन्होंने बैठक से संबंधित एजेंडा बिन्दुओं के अतिरिक्त राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी और जीएसटी से हो रही राजस्व हानि की भरपाई को लेकर भी अपनी बातें रखी.

राज्यों के अधिकारों का हो सम्मान
बैठक के एजेंडे पर बात करते हुए सीएम ने 2047 का विकसित भारत, टीम इंडिया की भूमिका पर कहा कि देश की एकता और अखंडता अक्षुण्ण बनाए रखने में राज्यों की बड़ी भूमिका है. केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों का सम्मान करे और उसके हिस्से के संसाधनों को भी हस्तांतरित करने की प्रणाली को और मजबूत बनाए.

आयरन ओर व कोयले का रखा मुद्दा
सीएम भूपेश बघेल ने राज्यों के प्लांटों को एनएमडीसी व एसईसीएल से मिलने वाले खनिजों में कमी पर बात कही. उन्होंने कहा एनएमडीसी द्वारा राज्य में स्थित इकाइयों को 25-30 प्रतिशत आयरन ओर ही उपलब्ध कराया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के एमएसएमई उद्योगों को एसईसीएल से पिछले दो-तीन सालों से राज्य की आवश्यकता के अनुरूप कोयला भी नहीं मिल रहा है.

बस्तर के औद्योगिक विकास पर ये कहा
आदिवासी अंचल बस्तर में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने में आ रही बाधाओं पर सीएम ने कहा कि पिछले 4 सालों में यहां लगभग 9 हजार करोड़ रुपये पूंजी निवेश के लिए एमओयू किए गए हैं. इनमें से इस्पात उद्योगों के लिए हर साल 3 मिलियन टन आयरन ओर की आवश्यकता होगी. इन इस्पात संयंत्रों की उत्पादन क्षमता के अनुरूप आयरन ओर आरक्षित रखा जाए और प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाए. साथ ही विशेष प्रोत्साहन के तहत एनएमडीसी द्वारा आयरन ओर की दर में भी 30 प्रतिशत छूट दी जाए.  

छोटे शहरों में मनरेगा की जरूरत
सीएम भूपेश बघेल ने 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू करने का सुझाव भी दिया. उनका कहना था कि यहां बड़ी संख्या में गरीब तबके के लोग रहते हैं, जिनके लिए यह वरदान साबित होगी, क्योंकि अधिक से अधिक अकुशल रोजगार मिल सकेगा.

ये मांगें भी रहीं अहम

  • रायपुर एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा जल्द शुरू करने व समन्वय के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति
  • 10 आकांक्षी जिलों में सोलर पावर प्लांट को मान्य करते हुए वन व्यपवर्तन से छूट प्रदान करें.
  • महिलाओं व शिशुओं की देखभाल के सभी कार्यक्रमों के लिए एकीकृत एमआईएस प्रणाली.
  • केंद्र-राज्य वित्त पोषण का हिस्सा 75:25 किया जाए.
  • नवीन पेंशन योजना में जमा 19 हजार करोड़ की राशि की वापसी हो.
  • जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की भरपाई के रूप में इस साल 2659 करोड़ प्रदान करें.
  • खनिजों से मिलने वाली एडिशनल लेवी की 4 हजार 170 करोड़ राशि छत्तीसगढ़ को हस्तांतरण करें.
  • कोयला एवं अन्य प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन.
  • केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुए सुरक्षा व्यय 11 हजार 828 करोड़ रुपये को केंद्र सरकार द्वारा वहन करे व बकाया से राज्य को इस बकाया से मुक्त करे.

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